सोनीपत : जिस बात की आंशका व्यक्त की जा रही थी आखिरकार वही हुआ। सरकारी स्कूलों को नजदीकी विद्यालयों में मर्ज करने के बाद अब शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन की गाज गिराई है। छात्र संख्या के हिसाब से शिक्षकों को रेशनेलाइजेशन (स्पेशल वैज्ञानिकरण) के तहत दूसरे सरकारी स्कूलों में भेजा गया है। इस विभागीय कार्रवाई की गाज सोनीपत के 12 शिक्षकों पर गिरी है।
विदित हो कि विभाग ने दो माह पहले ही प्रदेश भर के सभी जिला मुख्यालयों से जेबीटी विद्यालयों की छात्र संख्या मांगी थी। मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी की गई सूची के तहत सोनीपत के 12 शिक्षकों को अब नए विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए जाना होगा। गौरतलब कि स्कूल भवनों की कमी का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के 400 स्कूलों के स्टाफ को मर्ज किया था। निदेशालय की ओर से जारी संदेश में कहा गया है कि रेशनेलाइजेशन के तहत जेबीटी अध्यापकों को रिक्त पदों में समायोजित किया गया है। आरक्षित श्रेणी को मद्देनजर रखते हुए केवल जूनियर अध्यापकों को ही अगले विद्यालय में स्थानांतरित किया गया है। इन शिक्षकों को तीन दिनों के अंदर तबादला हुए विद्यालय में कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षकों को नहीं पसंद
शिक्षा विभाग का रेशनेलाइजेशन का यह फैसला प्राथमिक शिक्षकों को पंसद नहीं आया है। यही कारण है कि फैसले का बाकायदा विरोध करने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत 8 जुलाई को जिला मुख्यालय पर डीपीईओ को ज्ञापन सौंपा जाएगा और 15 जुलाई को शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन करेंगे। db
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