** मुख्याध्यापकों का पदोन्नति कोटा घटाने पर सीएम को अल्टीमेटम
चंडीगढ़ : प्रधानाचार्य पद पर मुख्याध्यापकों का पदोन्नति कोटा कम करना सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सरकार के लिए मास्टर वर्ग मुश्किलें खड़ी कर सकता है। मास्टरों के तेवर कड़े हैं और वे शिक्षा विभाग के नए कायदे-कानून मानने को तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के साथ बुधवार को यहां हुई मास्टर वर्ग की वार्ता भी सिरे नहीं चढ़ पाई। हुड्डा ने शिक्षकों को पदोन्नति कोटा 33 से 20 फीसद किए जाने के फैसले की समीक्षा का आश्वासन दिया, जिससे वे संतुष्ट नहीं हैं। इसके बाद हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि जिस दिन सरकार की ओर से प्रधानाचार्य पर पर मुख्याध्यापकों का कोटा 33 से बीस प्रतिशत और पीजीटी का कोटा 67 से 80 प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी होगी, उसी दिन एक साथ 1100 शिक्षक बेमियादी आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
आमरण अनशन पर बैठने वाले शिक्षकों से एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र लेने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने वार्ता के दौरान शिक्षकों से कहा कि सरकार पदोन्नति कोटा कम करने के निर्णय की समीक्षा कराएगी। उनका मांग पत्र ले लिया गया है। अन्य मांगों पर वे उनके प्रधान ओएसडी से वार्ता कर सकते हैं। मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने उनके इस आग्रह को ठुकरा दिया। मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने बताया कि मास्टरों और उनके फीडर कैडर के साथ हर कदम पर धोखा हो रहा है।
पदोन्नति कोटा कम करने के साथ ही बीते सात वर्ष से टीजीटी की पीजीटी कैडर में पदोन्नति नहीं की गई है। इसके साथ ही प्रमोशन में अध्यापन विषय की शर्त को लगा दिया गया है। यह शिक्षकों के साथ अन्याय है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है कि अगर पदोन्नति कोटा कम करने की अधिसूचना जारी हुई तो मास्टर वर्ग का प्रदेश में सबसे बड़ा आंदोलन होगा। dj
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