** 27 अक्टूबर को खत्म होगा विधानसभा का कार्यकाल
** जम्मू-कश्मीर और झारखंड के चुनाव दिसंबर में
नई दिल्ली : अगले चार महीनों में चार विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म होने वाला है। लेकिन इनके चुनाव साथ नहीं होंगे। महाराष्ट्र-हरियाणा में चुनाव अक्टूबर में होंगे। जबकि झारखंड जम्मू-कश्मीर में दिसंबर में। महाराष्ट्र और हरियाणा की चुनाव तारीखों की घोषणा सितंबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते में हो सकती है।
इस समय चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय चुनावी राज्यों में सुरक्षा बलों की जरूरत का आकलन कर रहे हैं। चारों राज्यों में संवेदनशील अति-संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। चुनाव आयोग तारीखें तय करने में कई बातों पर विचार कर रहा है। आयोग चुनाव अभियान को नवरात्रि या दशहरे की तारीखों से अलग रखना चाहता है। ताकि पार्टियों को धार्मिक आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण करने में मदद मिल सके। आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा में दीवाली (24 अक्टूबर) से पहले वोटिंग करा लेने की कोशिश में है।
चुनाव एक साथ क्यों नहीं
1. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर और 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 27 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। लिहाजा अक्टूबर में चुनाव जरूरी है।
2.जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा और झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो रहा है। ऐसे में वहां चुनाव दिसंबर में भी कराए जा सकते हैं।
3.नवरात्रि, दशहरा और दिवाली की वजह से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की व्यवस्था मुश्किल है। जो झारखंड और जम्मू-कश्मीर के लिए जरूरी है।
4.नक्सलवाद प्रभावित झारखंड में पिछला चुनाव पांच चरणों और आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में सात चरणों में हुए थे। चारों राज्यों के चुनाव साथ हुए तो 27 अक्टूबर से पहले नतीजे नहीं सकेंगे।
5.जम्मू-कश्मीरमें वोटिंग लिस्ट पर काम चल रहा है। यह अक्टूबर के पहले हफ्ते तक खत्म होगा। लिहाजा जल्द चुनाव संभव नहीं।
6.आयोग चाहता है कि चुनाव प्रक्रिया बहुत लंबी न हो। आदर्श आचार संहिता की वजह से सरकारी कामकाज ठप हो जाता है। नई योजनाओं और प्रोजेक्ट्स के साथ ही नीतिगत फैसले भी अटक जाते हैं। db
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