चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही सरकार की लोक-लुभावनी घोषणाओं पर ब्रेक लग गया है। अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर नए काम नहीं हो पाएंगे। नई नियुक्तियों पर भी रोक लग गई है। प्रदेश सचिवालय में भी नई सरकार आने तक सन्नाटा पसरा रहेगा। वेबसाइट, होर्डिग व सरकारी विज्ञापनों में भी सरकार नहीं दिख पाएगी।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत वालगद ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि चुनाव अवधि के दौरान सरकारी खर्च पर विज्ञापन एवं होर्डिंग न लगाए जाएं। चुनाव अवधि के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार व राजनीतिक समाचार प्रकाशित कराने के लिए सरकारी धनराशि के प्रयोग पर रोक रहेगी। सरकारी मास मीडिया का दुरूपयोग भी नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च पर दिए गए विज्ञापन एवं लगे होर्डिग, यदि चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले लगे हैं तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा। अन्यथा यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा। सरकार द्वारा परिवार नियोजन, समाज कल्याण योजनाओं आदि की सूचना के लिए पहले से लगाई गई होर्डिग एवं विज्ञापनों पर आचार संहिता का असर नहीं होगा।
वाल्गद ने ऐसे सभी होर्डिग एवं विज्ञापन को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं जो किसी जीवित राजनेता या राजनीतिक पार्टी की उपलब्धियों को उजागर करते हैं, या उनके फोटो, नाम व पार्टी के चिन्ह वाले हैं। चुनाव अवधि के दौरान कोई भी राजनेता या राजनीतिक पार्टी सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करने और सरकारी खजाने से खर्च करने की किसी को मंजूरी नहीं होगी। dj
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