स्कूलों में लगे एजुसेट डीटीएच के दिन बहुरेंगे। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो शीघ्र ही सेटेलाइट के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। वर्षों बाद मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के भाषण के लिए इसकी सुध ली गई थी। हालांकि की प्रदेश के मुख्यमंत्री का भाषण नहीं हो सका था। अब हमेशा के लिए इन उपकरणों पर धूल हटाने की तैयारी की जा रही है। जिससे छात्रों का इसका लाभ मिल सके।
2006 में हुई थी शुरुआत
गुणात्मक शिक्षा के लिए 2006 में सेटेलाइट के माध्यम से पढ़ाने की व्यवस्था शुरू की गई थी। पहले कुछ चुनिंदा स्कूलों में ही इसे शुरू किया गया था। बाद में सभी स्कूलों में इसकी व्यवस्था की गई। तकनीकी खामियां और शिक्षकों को इससे संबंधित अधिक जानकारी नहीं होने से एक साल में इसने दम तोड़ दिया था। कभी-कभार ही इसके प्रसारण का लाभ छात्रों को मिलता था।
लगाया जा रहा है कयास
शिक्षा निदेशालय के आदेश के बाद शिक्षक दिवस पर बच्चों को लाइव प्रसारण सुनवाने के लिए आनन-फानन में स्कूलों में लगे एजुसेट डीटीएच को दुरूस्त करने का आदेश दिया गया था। हालांकि बहुत कम स्कूलों में ही इसके माध्यम से प्रसारण हो सका। इस बहाने दोनों उपकरणों में खामियों की जानकारी हासिल की। इससे संबंधित खामियों को दूर करने का कहा गया है। जिससे छात्रों को इसका लाभ मिल सके। गिनती के स्कूलों में डीटीएच चालू हालात में हैं। लेकिन नियमित प्रसारण नहीं होने से इसके लाभ से छात्र वंचित रहते हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चतर सिंह के अनुसार नियमित प्रसारण से छात्रों को नवीनतम जानकारियां मिलेंगी। छात्रों की दिलचस्पी पढ़ाई में बढ़ेगी। dbfrbd
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