पत्र के मुताबिक स्कूलों को उनके डाटा की फिडिंग करानी होगी और उसे डीईओ कार्यालय में जमा कराना होगा। इसके बाद ही स्कूलों का डाटा कंप्यूटराइज्ड हो पाएगा और सुरक्षित होगा। पहले की तरह किसी भी डाटा में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी।
बता दें कि पहले विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही, इस आधार पर छोड़ दी जाती थी कि शिकायत या शक होने पर जो जानकारी दी है, असल में वह होती ही नहीं थी।
बता दें कि पहले विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही, इस आधार पर छोड़ दी जाती थी कि शिकायत या शक होने पर जो जानकारी दी है, असल में वह होती ही नहीं थी।
यह डाटा करना होगा स्कूलों को फीड
कितने छात्र-छात्रएं हैं, अध्यापकों की विषयों के अनुसार संख्या, छात्रवृत्ति की जानकारी, परीक्षा परिणाम की स्थिति, शिक्षा का स्तर, शौचालयों की संख्या, पीने के पानी क्या है व्यवस्था, कमरों की संख्या व उनकी वर्तमान स्थिति सहित प्रयोगशालाओं की संख्या पर एक डाटा रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
"विभाग द्वारा स्कूलों को एक परफोर्मा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसे भरकर स्कूल मुखिया डीईओ कार्यालय में जमा कराएंगे। अब कोई भी स्कूल जानकारी गलत ढंग से पेश नहीं कर सकेंगे। विभाग की सराहनीय पहल से रिकॉर्ड कभी भी इधर-उधर नहीं होगा।"---जयबीर नाफरिया, प्रदेश प्रवक्ता, हरियाणा मौलिक मुख्य अध्यापक संघ। dj
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