रेवाड़ी : सरकारी स्कूलों में डायरी मेंटेन नहीं करने वाले शिक्षकों को लापरवाही अब भारी पड़ सकती है। ऐसे शिक्षकों की सेलरी रोके जाने के ऑर्डर जारी हो चुके हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद में जुटे शिक्षा विभाग ने ये निर्देश जारी किए हैं।
विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट है कि रिकॉर्ड मेंटेन में कोताही के बावजूद भी यदि शिक्षक की सेलरी जारी हो जाती है तो संबंधित कर्मचारी अधिकारी पर भी गाज गिर सकती है। कक्षा एक से 12वीं तक के शिक्षकों को स्कूलों में अपने विषय बच्चों संबंधी रिकॉर्ड के लिए विभाग द्वारा प्रदेशभर में एक लाख से अधिक डायरी दी गई है।
डायरी चेक होने के बाद ही आएगी अगली सेलरी:
सप्ताहभर पूर्व कुरुक्षेत्र में शिक्षा विभाग की कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें अन्य दिशा निर्देशों के साथ ही शिक्षकों के डायरी मेंटेन करने पर भी विशेष जोर दिया गया था। कहा गया कि स्कूल इंस्पेक्शन के दौरान सामने आया है कि बहुत से शिक्षक डायरी मेंटेनेंस को गंभीरता से नहीं लेते। इस कारण स्कूलों में वे अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेवार नहीं हैं, जिससे शिक्षा का स्तर गिरता है। अब 8 जनवरी को सरकुलर जारी कर दिया गया है। इसमें स्पष्ट है कि विभाग द्वारा सभी शिक्षकों को डायरी दी गई हैं। शिक्षकों को डायरी में हर रोज की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखना होगा। इसमें शिक्षक को किस तिथि को क्या पढ़ाना है, किसी बच्चे का विभिन्न गतिविधियों में क्या प्रदर्शन है तथा कौन बच्चा पढ़ाई में अधिक पिछड़ रहा है सहित अन्य रिकॉर्ड मेंटेन करना होगा। शिक्षकों के डायरी की प्राचार्य/स्कूल मुखिया नियमित रूप से जांच करेंगे। यदि शिक्षक डायरी मेंटेन नहीं करता है तो उसका वेतन जारी नहीं किया जाएगा।
निदेशालय तक जाएगी रिपोर्ट:
शिक्षकों की सेलरी संबंधी रिपोर्ट जिला से लेकर उच्च अधिकारियों तक को भेजी जाएगी। जनवरी की सैलरी डायरी मेंटेन के बाद ही जारी की जानी है। 5 फरवरी तक शिक्षकों की डायरी मेंटेन और वेतन संबंधी रिकॉर्ड जिला शिक्षा अधिकारी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को भेजा जाएगा। जिला के अधिकारियों द्वारा इस रिकॉर्ड को 9 फरवरी तक महानिदेशक मौलिक शिक्षा निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन को भेजना होगा।
शिक्षक डायरी मेंटेनेस को गंभीरता से लें
स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश हैं कि शिक्षक डायरी मेंटेनेंस को गंभीरता से नहीं लेता तो उसकी सैलरी जारी नहीं की जाए। यदि शिक्षक विभाग के ऑर्डर की अनदेखी करते हुए रिकॉर्ड मेंटेन नहीं करता और फिर भी उसकी सेलरी जारी हो जाती है तो स्कूल मुखिया जिसके द्वारा सेलरी जारी की गई है उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए स्कूलों का इंस्पेक्शन भी किया जाएगा।
विभाग के तर्क: इसलिए जरूरी है डायरी
- डायरी शिक्षकों के हाथ में श्रेष्ठ प्लानिंग टूल होगा।
- शिक्षक को क्या पढ़ाना है, उसे पहले से प्लान कर सकता है।
- सभी बच्चों की परफॉर्मेंस का रिकॉर्ड होगा।
- स्कूल की गतिविधियां नजर में रहेंगी।
- पढ़ाई में पिछड़ रहे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
- सरकार द्वारा समय लगाकर बनाई योजना और पैसा बर्बाद नहीं होगा।
"विभाग की ओर से डायरी मेंटेन करने को लेकर ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इसके लिए शिक्षकों को भी निर्देश दिए जा चुके हैं। शिक्षकों द्वारा काम में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शिक्षकों को डायरी मेंटेन करनी है। जिसका समय-समय पर इंस्पेक्शन भी किया जाता है।"--संगीतायादव, जिलाशिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी। db
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