** जिला शिक्षा अधिकारी उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराएगा
** मुहिम : सरकारी स्कूलों में चलाया जाएगा रैंडम चेकिंग अभियान, डीईओ का पत्र मिलने के बाद विभाग खुद करेगा कार्रवाई
अब सरकारी स्कूल में कोई भी अध्यापक से लेकर प्रिंसिपल तक अपनी जिम्मेदारी में आनकानी नहीं कर सकेंगे, क्योंकि विभाग द्वारा सभी स्कूलों में रैंडम चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है।
दरअसल, दिसंबर में कुरुक्षेत्र में प्रदेश के सभी डीईओ, डिप्टी डीईओ, बीईओ डीईईओ के लिए एक ट्रेनिंग शिविर का आयोजन किया गया। मौके पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। शिविर में यह निर्णय लिया गया था कि किसी भी सरकारी स्कूल का कोई भी प्रिंसिपल, हेडमास्टर अध्यापक सही तरीके से काम नहीं कर रहा या बच्चे अध्यापक के पढ़ाने से संतुष्ट नहीं हैं, उसके खिलाफ विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारियों के इस निर्णय के बाद जिला के सभी स्कूलों में उक्त अधिकारियों द्वारा रैंडम चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान यदि किसी स्कूल में कोई भी हेडमास्टर अध्यापक अपने काम में आना-कानी करता पाया गया तो जिला शिक्षा अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें अवगत कराएगा ताकि विभाग उसके खिलाफ सही तरीके से कार्रवाई कर सके।
एक माह में चार स्कूल चेक किए जाएंगे
अपने-अपने ब्लॉक में आने वाले स्कूलों को बीईओ महीने में चार स्कूलों को चेक करेंगे और देखेंगे कि उस स्कूल में हेडमास्टर द्वारा सरकार की ओर से बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है या नहीं। इतना ही नहीं विभाग की ओर से जिला स्तर पर चलाए गए स्वच्छता डेयरी, माई स्कूल, माई प्रोजेक्ट की जांच करेगा कि उनके अनुसार स्कूल में काम हो रहा है या नहीं। यदि अभियान के दौरान कोई खामी पाई गई तो विभाग उसके स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुविधाओं की होगी जांच
रैंडम चेकिंग के दौरान सरकार द्वारा स्कूलों में बच्चों को दी जानी वाली सभी सुविधाओं की जांच की जाएगी। जांचा जाएगा कि बच्चों को स्कूल बैग, किताबें वर्दी दी जा रही है या नहीं, खाना स्वच्छ है या नहीं, स्कूल में सफाई व्यवस्था है या नहीं। यदि जांच के दौरान ऐसा नहीं पाया गया तो विभाग मुखिया के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इतना ही इस अभियान के तहत अध्यापकों तक प्रति-दिन का कार्य भी चेक किया जाएगा।
"शिक्षा विभाग द्वारा चलाया गया यह रैंडम चेकिंग अभियान सराहनीय है। जिन बच्चों को पढ़ाई करने में कोई भी परेशानी रही है, वह बच्चा भी अभियान के तहत अधिकारियों को अपनी परेशानी बताकर उसे दूर कर सकता है। साथ ही अध्यापक भी अपनी जिम्मेदारी में आनाकानी नहीं करेंगे। "--सुधीर कालड़ा, बीईओ,अम्बाला सिटी। dbamb
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