चंडीगढ़. अध्यापकोंको अब वेतन तभी मिलेगा, जब वे शिक्षा सेतु कार्ड और अध्यापक डायरी को नियमित रूप से भरकर देंगे। प्रदेश के स्कूलों में अगले सत्र से शिक्षा की गुणवता को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी टीसी गुप्ता ने शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में बताया कि हरियाणा में इस समय सरकारी स्कूलों में 1 लाख अध्यापक हैं। छात्र-अध्यापक का अनुपात 36:1 का है। अपेक्षा है कि अध्यापक अपने काम को निष्ठा और ईमानदारी से करें।
कार्यशाला में प्रदेशभर से 250 से अधिक जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी तथा खंड शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। गुप्ता ने बताया कि पिछले दो माह के दौरान जहां स्टेट अवार्डी अध्यापकों के अद्भुत प्रयासों को देखकर प्रसन्नता हुई, वहीं, कई स्कूलों में अध्यापकों की अनदेखी के कारण शिक्षा के निम्न स्तर को देखकर गहरी निराशा भी हुई। भविष्य में इस प्रकार की कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी। मौलिक शिक्षा महानिदेशक सुभाष चंद्र गोयल ने कहा कि यह समय की मांग हैं कि प्रत्येक बच्चा स्कूल जाए। अतिरिक्त निदेशक सुमेधा कटारिया ने कहा कि सभी अधिकारी अपने लक्ष्य को बेहतर बनाएं। db
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