सिरसा : पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को मुख्य धारा में
शामिल करने के लिए शिक्षा विभाग की सायंकालीन कक्षाएं लगाने जाने की योजना
औंधे मुंह आ गिरी है। ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद 50 प्रतिशत से
नीचे परीक्षा परिणाम रहने वाली कक्षाओं की सायंकालीन कक्षाएं न हीं आयोजित
हो पा रही। न तो विद्यार्थियों का इस ओर रुझान है और न ही विभाग ने इसकी
बाद में सुध ली।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से अप्रैल-मई में
घोषित किए गए 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम में खुलासा हुआ कि अधिकतर
सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा। जून माह की ग्रीष्मावकाश
शुरू होने से पहले ही शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि छुट्टियों में 50
प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम रहने वाले विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाई
जाएंगी। इससे उम्मीद जगी कि इन कक्षाओं से कमजोर विद्यार्थियों को सहायता
मिल पाएगी। लेकिन छुट्टियों के दौरान विद्यार्थी कक्षाएं लगाने पहुंचे ही
नहीं। इस पर विभाग ने एक और आदेश जारी कर इन कक्षाओं को रद्द कर दिया। साथ
ही कहा गया कि ग्रीष्मावकाश के बाद सायंकालीन कक्षाएं लगाई जाएंगी।
शिक्षा
विभाग ने सुध भी नहीं ली
सूत्र बताते हैं कि आदेश जारी होने के बाद उम्मीद
थी कि स्कूलों में सायंकालीन कक्षाएं लगेंगी लेकिन इसके बाद शिक्षा विभाग
ने भी सुध नहीं ली। न तो विभाग ने सायंकालीन कक्षाओं की विस्तृत रिपोर्ट
स्कूलों से तलब की और न ही शिक्षकों का वेतन जारी किया।
"विभाग की ओर से आदेश जारी हुए थे कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सायंकालीन
कक्षाएं लगाई जाएं। लेकिन विद्यार्थी इन कक्षाओं में आते ही नहीं। जब
विद्यार्थी ही नहीं आते तो शिक्षक बैठकर क्या करेंगे।"-- साधु सिंह,
पिं्रसिपल, राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, सिरसा dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.