** सेवानिवृत्त प्राध्यापक की सीएम विंडो में हिंदी से उपेक्षा की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने लिया फैसला
सिरसा : प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में अब सप्ताह में हिंदी विषय के कम से कम छह पीरियड लगेंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी कालेजों के प्रिंसिपल को आदेश जारी कर दिए हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने यह फैसला सिरसा के सेवानिवृत्त प्राध्यापक द्वारा सीएम विंडो में भेजी गई शिकायत के बाद लिया है।
उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों, सभी संबद्ध कालेजों के प्रिंसिपल 27 जनवरी को पत्र जारी किया। पत्र में कहा गया है कि कालेजों में निर्धारित किया गया है कि हिंदी, पंजाबी, संस्कृत के कम से कम छह पीरियड सप्ताह में जरूर लगेंगे। इसलिए इस नियम को सख्ती से लागू किया जाए। पत्र में कहा गया है कि यदि किसी को आपत्ति हो तो सप्ताह में 4 पीरियड की जगह अब 6 पीरियड लगाए जाएंगे।
प्रदेश शिक्षा विभाग का आदेश एक अच्छा प्रयास
"आरटीआईसे मिली सूचना के आधार पर मैंने सीएम विंडो में शिकायत दी तो उच्चतर शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि हिंदी के भी सप्ताह में कम से कम 6 पीरियड लगाए जाएं। यह अच्छा प्रयास है और इससे प्रदेश भर के कालेजों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों को लाभ होगा।''-- वेदप्रकार गुप्ता, पूर्व प्राध्यापक, नेशनल कालेज, सिरसा
चुपचाप चलाया जा रहा था काम, अब सरकार पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
उच्चतर शिक्षा विभाग का नियम है कि सभी अनिवार्य विषयों के सप्ताह में 6 पीरियड जरूरी हैं। हालांकि अन्य विषयों के तो पीरियड नियमानुसार लगाए जा रहे हैं लेकिन हिंदी के प्रति सप्ताह 4 से भी कम पीरियड लगाए जा रहे थे। अब हिंदी के भी सप्ताह में कम से कम 6 पीरियड लगाए जाने हैं। इससे सरकार और उच्चतर शिक्षा विभाग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा क्योंकि वर्कलोड के अनुसार नये शिक्षक नियुक्त करने पड़ेंगे।
शिकायत में कहा, बाकी विषयों के पूरे पीरियड, हिंदी से भेदभाव क्यों
सीएम विंडो में भेजी शिकायत में सिरसा राजकीय नेशनल कालेज से सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रोफेसर वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि राष्ट्र भाषा हिंदी की उच्चतर शिक्षा विभाग केवल अनदेखी कर रहा है बल्कि अपमान भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कालेजों में बीए कक्षाओं के लिए जहां अंग्रेजी अनिवार्यता के प्रति सप्ताह 10 पीरियड, अन्य विषयों के 6 पीरियड हैं जो हिंदी, पंजाबी संस्कृत कंपलसरी के 3 जमा 1 के पीरियड निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पता चला है कि वर्कलोड के अनुसार यूनिवर्सिटी कैलेंडर निर्धारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा जारी पत्र में सच्चाई को छिपाया गया है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में हिंदी के 6 पीरियड निर्धारित करना राष्ट्रभाषा का अपमान है। db
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