चंडीगढ़ : सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा ने 15 फरवरी को दिल्ली में जंतर-मंतर पर दिए जाने वाले कर्मचारियों के धरने में शामिल होने का ऐलान किया है। यह धरना सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के विरोध में दिया जा रहा है। संघ ने तमिलनाडु में 10 फरवरी से चल रही राज्य कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करते हुए वहां की सरकार से आग्रह किया है कि वह बातचीत करके हड़ताली कर्मचारियों की मांगों का समाधान करे।
संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली में 8 फरवरी से जंतर-मंतर पर धरना दिया जा रहा है। इसमें प्रत्येक दिन अलग-अलग राज्यों के कर्मचारी धरने पर बैठ रहे हैं। महासंघ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में संशोधन करने, अंशदान पेंशन स्कीम को रद्द करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, आउट सोर्सिंग और ठेका प्रथा बंद करने, आयकर सीमा 5 लाख करने, खाली पदों को तुरंत भरने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। लांबा ने कहा कि एक ओर जहां सांसद या विधायक केवल एक बार चुने जाने के बाद ही पेंशन के हकदार हो जाते हैं, लेकिन कर्मचारियों को 58 साल में रिटायर होने और 30-35 साल तक सेवा करने के बावजूद पेंशन से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक ओर तो कॉरपोरेट सेक्टर को टैक्सों में भारी राहत दे रही है, वहीं नौकरीपेशा वर्ग की आयकर छूट सीमा 5 लाख करने की मांग को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। db
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