जींद : छह सरकारी कॉलेज और कहीं भी नियमित प्रिंसिपल नहीं।
सीनियर प्राध्यापकों को अतिरिक्त चार्ज देकर काम कराया जा रहा है। इससे
जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं कॉलेज से संबंधित
होने वाले काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
जिले में नियमित प्रिंसिपल का पद 11
माह से अधिक समय से खाली पड़ा हुआ है और सीनियर प्रोफेसर को अतिरिक्त
चार्ज सौंपा गया हैं। यह सिर्फ जींद ही नहीं प्रदेश के 70 कॉलेज ऐसे हैं
जहां इसी तरह की स्थिति है। ढ़ाई साल से उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति तथा सीधी भर्ती नहीं किए जाने के कारण यह हाल
हो रहा है। सीनियर प्राध्यापकों को प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति कर सूची
जारी करने की मांग भी की जा चुकी है, लेकिन उच्चतर शिक्षा विभाग कोई ध्यान
नहीं दे रहा है।
जिले में इस समय छह सरकारी कॉलेज में है। इसमें दो कॉलेज
जींद, एक नरवाना, एक जुलाना तथा दो सफीदों में स्थित है। जींद में
प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय, राजकीय स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, सफीदों में राजकीय कालेज सफीदों तथा राजकीय महिला कॉलेज
सफीदों, नरवाना में केएम कॉलेज तथा जुलाना में राजकीय महाविद्यालय है। इन
कॉलेजों में छात्रों की संख्या भी हजारों में है। राजकीय स्नातकोत्तर
महाविद्यालय जींद तथा राजकीय कॉलेज सफीदों तथा केएम कॉलेज नरवाना सालों
पुराने कॉलेज हैं। राजकीय पीजी कॉलेज जींद में चार हजार छात्र-छात्रएं,
प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी महाविद्यालय में लगभग दो हजार छात्रएं पढ़ रही
है। इसी प्रकार जिले के अन्य खंडों में चल रहे कॉलेजों में भी हजारों की
संख्या में विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, लेकिन इन सभी छह कॉलेजों में पिछले कई
माह से नियमित ¨प्रसिपल ही नहीं है। सभी कॉलेजों में प्रिंसिपल का अतिरिकत
चार्ज सीनियर प्रोफेसर को दिया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण सीनियर
प्रोफेसर की पदोन्नति नहीं होना है। उच्चतर शिक्षा विभाग ने पिछले अढ़ाई
साल से प्रिंसिपल के पद पर कोई पदोन्नति नहीं है। इसके चलते कई कॉलेजों में प्रिंसिपल का काम प्रोफेसर चला रहे हैं। यही नहीं सीधी भर्ती भी विभाग ने अब
तक नहीं है।175 प्रतिशत पदोन्नत व 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से लगते प्रिंसिपल : उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से 75 प्रतिशत प्रिंसिपल कालेजों में
पदोन्नति के जरिये लगाए जाते हैं जबकि 25 प्रतिशत प्रिंसिपल सीधी भर्ती के
जरिये नियुक्ति किए जाते हैं, लेकिन विभाग न तो पदोन्नति करने का काम किया
जा रहा है और न ही सीधी भर्ती की जा रही है।
इनसो सांसद को सौंप चुका है
ज्ञापन
इनसो भी नियमित प्रिंसिपल लगाने की मांग को लेकर कई बार मांग कर चुका
है। गत दिवस भी इनसो ने इस मांग को लेकर हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला को
ज्ञापन सौंपा था। इनसो के जिलाध्यक्ष अनुराग खटकड़ का कहना है कि जिले के
छह कॉलेजों में नियमित प्रिंसिपल नहीं है। इससे विद्यार्थियों की समस्याएं
हल नहीं हो पा
रही है।
वह इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन
अब तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि कॉलेजों में नियमित प्रिंसिपल लगाए
जाए ताकि विद्यार्थियों की समस्याओं का निदान हो और पढ़ाई व अन्य कार्य भी
प्रभावित न हो सकें
विभाग नहीं दे रहा ध्यान
सीनियर प्रोफेसर की प्रिंसिपल के पदों पर पदोन्नति करने की मांग कॉलेज यूनियन भी कर चुकी हैं। हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर एसोसिएशन महिला कॉलेज के प्रधान वजीर सिंह खटकड़ ने कहा कि यूनियन की तरफ से विभाग को कई बार यह डिमांड की जा चुकी है, लेकिन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 75 प्रतिशत पद पदोन्नति तथा 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से भर जाते हैं। इस तरफ विभाग को ध्यान देना चाहिए। dj
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