हिसार : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के अब हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। इस पर बच्चों के चेकअप ट्रीटमेंट संबंधी जानकारी नोट की जाएगी। साथ ही ये जानकारी स्कूलों को मुखिया को रजिस्टर मेंटेन करवाकर भी रखनी होगी। शिक्षा विभाग पंचकूला ने इसको लेकर एक पत्र सभी जिला मुख्यालयों पर भेजा है।
हेल्थ कार्ड बनवाने से स्कूलों में हेल्थ चेकअप के लिए पहुंचने वाली टीम को इलाज देने में आसानी हो सकेगी। साथ ही बच्चे का पहले कब चेकअप हुआ था, क्या इलाज दिया गया था। यह जानकारी भी रजिस्टर से मिलेगी। ऐसा होने पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच बेहतर तरीके से हो पाएगी। ये हेल्थ कार्ड प्रत्येक वर्ष अपडेट होते रहेंगे। स्कूल हेल्थ नामक स्कीम के तहत पहुंचती है टीम
सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए स्कूल हेल्थ नामक स्कीम शुरू कर रखी है। इसके तहत साल में एक बार हेल्थ चेकअप के लिए दो डाॅक्टर मेल फीमेल, फार्मासिस्ट एएनएम की मोबाइल टीम स्कूलों में जाती है। इसमें 4डी के तहत काम किया जाता है। डिफेक्ट एट बर्थ, डिजीज, डिफिशिएंसी डिसएबिलिटी श्रेणी के माध्यम से जांच की जाती है।
इन जांच के दौरान बच्चा किस श्रेणी में पाया गया उसे किस तरह का इलाज दिया गया। इन सभी पहलुओं को अब हेल्थ कार्ड के माध्यम से रिकार्ड में रखा जाएगा। बच्चों की डिटेल के अलावा जांच संबंधी प्रत्येक जानकारी विस्तृत रूप से संजो कर रखनी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर आंकड़े पुख्ता हों और आसानी से मिल सके।
पहले रजिस्टरों में होता था रिकार्ड
"बच्चों के हेल्थ संबंधी जानकारी को पहले रजिस्टरों में मेंटेन किया जाता था। हेल्थ कार्ड बनवाने और रजिस्टरों में इलाज बीमारी संबंधी जानकारी दर्ज करने से यह डेटा और भी सही तौर पर सहेजा जा सकेगा। सरकारी की स्कीम के तहत स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम काम करती है।''-- संगीता बिश्नोई, उप जिला शिक्षा अधिकारी। db
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