भिवानी : राजपूत धर्मशाला में रविवार को हरियाणा सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी मंच का जिला स्तरीय सम्मेलन हुआ। इसकी अध्यक्षता मंच के राज्य प्रधान अजमेर सिंह मायना ने की तथा संचालन राजेश खरकिया ने किया। राज्य प्रधान अजमेर सिंह महासचिव संजीव कुमार ने संयुक्त रूप से अपने संबोधन में बताया कि प्रदेश सरकार पदोन्नति में आरक्षण का पक्ष लेकर सामान्य पिछड़ा वर्ग के 80 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ विश्वासघात कर रही है और उनकी पदोन्नति के रास्ते बंद कर रही है। सामान्य पिछड़ा वर्ग का कर्मचारी जिस पद लगता है उसी पर सेवानिवृत्ति प्राप्त कर लेता है और अनुसूचित जाति के कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण प्राप्त कर वरिष्ठ साथियों से वरिष्ठ बनकर उनका मानसिक सामाजिक शोषण कर रहे हैं। ऐसा करके राज्य सरकार कर्मचारियों को दो फाड़ कर उनके मध्य एक खतरनाक खाई पैदा कर रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के मुख्य सलाहकार बलबीर सिंह राज्य उप-प्रधान गजानंद तथा जिला सिरसा प्रधान आत्माराम सहारण ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय को गुमराह कर रही है। न्यायालय ने 2006 2013 में लागू की गई आरक्षण की नीतियों को निरस्त कर दिया था। उसके बाद सभी अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की पदोन्नति बनती है जो शुरू भी हो गई थी उसको बंद करके उच्च न्यायालय के निर्णय की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने मंच के माध्यम से आरक्षण को पूर्णत: बंद करके गलत पदोन्नत हुए अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदावनत किए जाने की मांग की है। db
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