रतिया : शिक्षा विभाग ने 15 फरवरी तक सरकारी गैर सरकारी स्कूलों को सभी बच्चों का डाटा ऑनलाइन कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। यदि किसी विद्यार्थी का डबल एडमिशन मिला तो ऐसे में स्कूल मुखिया के साथ-साथ अभिभावकों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। ऑन लाइन डाटा के बाद विद्यार्थी को रजिस्ट्रेशन के तौर पर नंबर दिया जाएगा और यही नंबर विद्यार्थी की पहचान होगा।
अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा
आमतौर पर पहले ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों का नाम तो सरकारी स्कूलों में लिखवा देते थे, लेकिन उन्हें पढ़ाते निजी स्कूलों में थे। ऐसे में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पिछड़ जाते थे। जो बच्चा निजी स्कूल में पढ़ता था और नाम सरकारी स्कूल में चलता था, उसके सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की बजाय ज्यादा नंबर होते थे और माता-पिता इसका फायदा उठाते थे। लेकिन अब यदि किसी विद्यार्थी का सरकारी निजी स्कूल में दाखिला होगा तो अभिभावकों को एक जगह नाम कटवाना होगा।
ऑनलाइन होने के बाद विद्यार्थी को मिलेगा पहचान के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर
ऑनलाइन में ये होगा रिकार्ड
विभाग द्वारा स्कूलों को जो निर्देश दिए गए हैं, उनमें कहा गया है कि प्रत्येक विद्यार्थी का डाटा ऑनलाइन किया जाए। डाटा ऑन लाइन के लिए बच्चे का नाम, माता-पिता का नाम, माता-पिता बच्चे का आधार कार्ड नंबर, जन्म तिथि, पिता की आय का ब्योरा, जाति अन्य सूचनाएं देनी होंगी। स्कूल मुखिया बच्चों का पूरा ब्यौरा ऑन लाइन के जरिए फीड करेगा। डाटा ऑन लाइन के बाद बच्चे का अलग से नंबर अंकित हो जाएगा। यही नंबर बच्चे की पहचान होगा। शुरू से आखिर तक बच्चे का इसी नंबर पर एडमिशन अन्य सूचनाएं, दाखिले, योजनाओं का लाभ आदि मिलेगा।
डबल एडमिशन हुआ तो होगी कार्रवाई: बीईओ
बीईओ रमेश दहिया ने कहा कि सभी स्कूल संचालकों को 15 फरवरी तक डाटा ऑन लाइन की हिदायत दी गई है। मुख्य उद्देश्य फर्जीवाड़ा रोकना है। यदि किसी विद्यार्थी का सरकारी निजी स्कूलों में दाखिला मिला तो अभिभावकों के साथ-साथ स्कूल मुखिया के खिलाफ भी कार्यवाही होगी। यह धोखाधड़ी का मामला है।
स्कूल से घर की दूरी भी देंगे
डाटा फीड में विद्यार्थी के घर से स्कूल की दूरी का भी ब्यौरा देना होगा। उसमें बताना होगा कि विद्यार्थी का स्कूल घर से कितनी दूर है। आने-जाने की क्या व्यवस्था है। क्षेत्र में करीब 5 हजार विद्यार्थी हैं और 200 के करीब स्कूल हैं। 80 फीसदी स्कूलों में डाटा ऑन लाइन हो चुका है। पहले 15 दिसंबर तक ऑन लाइन का समय दिया गया था, लेकिन अब उन्हें 15 फरवरी तक का समय दिया गया है। 15 फरवरी तक सभी स्कूल संचालकों ने डाटा ऑन लाइन करना है। डाटा ऑन लाइन की जानकारी डीईओ बीईओ के पास भी ऑन लाइन रहती है। db
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