जींद : स्कूल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (एमआइएस) शिक्षकों के लिए गले की
फांस बनकर रह गया है। शिक्षकों को अपनी प्रोफाइल व सर्विस रिकॉर्ड भरने
में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एमआइएस पोर्टल पर कई ऐसी
तकनीकी अड़चने हैं, जिस कारण शिक्षकों के फार्म नहीं भरे जा रहे हैं।
शिकायत करने के बाद भी विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
सबसे ज्यादा
दिक्कत पूर्व सैनिकों को आ रही है, जो सैना के अलावा अन्य जगह नौकरी करने
के बाद एनओसी लेकर शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन फार्म भरते
समय पूर्व सैनिकों के कालम से लेकर पूर्व की नौकरी के बारे में कोई रिकॉर्ड
अपडेट नहीं हो पा रहा है। एमआइएस पोटर्ल पर रिकॉर्ड अपडेट करने की अंतिम
तिथि भी 15 फरवरी की है, ऐसे में शिक्षकों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई
है।
पहले भी विभाग दो बार रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए तिथि बढ़ा चुका है।
शिक्षा विभाग ने इस बार स्कूल के बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की भी पूरी
जानकारी एमआइएस पर डालने का निर्णय लिया। इसके चलते सभी शिक्षकों को यूजर
आईडी व पासवर्ड जारी किए गए और पांच फरवरी तक भरने के आदेश दिए गए, लेकिन
काम पूरा नहीं हुआ। इसके बाद फिर से विभाग ने तिथि बढ़ाकर 10 फरवरी कर दी
थी और फिर से शिक्षकों की मांग पर इसे बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया, लेकिन
अब भी सभी शिक्षकों की जानकारी अपडेट नहीं की जा सकी है। एमआईएस पोटर्ल में
काफी खामियां हैं। इसी प्रकार से हाल ही में हुई भर्तियों खास तौर पर
लेक्चरार भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिला है, लेकिन यहां भी
फीमेल के लिए उनकी कैटेगरी व आरक्षण के हिसाब से कोई कालम नहीं दिया गया
है।
अपडेट नहीं हो रहा रिकॉर्ड
एमआइएस पोर्टल में सबसे बड़ी दिक्कत उन कर्मचारियों को आ रही है, जो दूसरे
विभागों से एनओसी लेकर शिक्षक बने हैं। पोर्टल पर पुरानी सर्विस का रिकॉर्ड
भी भरना होता है, लेकिन जब हाल में चल रही सर्विस का रिकॉर्ड भरा जाता है
तो वही रिकॉर्ड पुरानी सर्विस का शो कर रहा है। यही नहीं शिक्षा विभाग के
अलावा अन्य किसी विभाग की पुरानी सर्विस का जिक्र भी पोर्टल में नहीं किया
गया है, जिसके चलते अन्य विभागों से एनओसी लेकर शिक्षक बने कर्मचारी अपनी
जानकारी अपडेट नहीं कर पा रहे हैं। एमआइएस पोटर्ल पर लेक्चरार की जगह
पीजीटी लिखे जाने पर लेक्चररों ने आनलाइन जानकारी भरने से इंकार करते हुए
इसका बहिष्कार कर दिया था, लेकिन अब विभाग ने इसे ठीक कर दोबारा लेक्चरार
कर दिया है। इस पर सभी लेक्चररों ने इसे भरने का फैसला किया है। इससे विभाग
को राहत मिली है। dj
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