चंडीगढ़ : प्रदेश में भर्ती 9455 जूनियर बेसिक टीचर्स (जेबीटी) की नियुक्ति
पर लगी रोक हटवाने के लिए सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपना
जवाब दाखिल किया। इस केस पर बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन बहस हुई।
शुक्रवार को भी अदालत में सुनवाई होगी।
प्रदेश सरकार ने जेबीटी भर्ती शुरू
होने से लेकर परिणाम घोषित होने की डिटेल हाईकोर्ट को सौंपी। सरकार ने बहस
करते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत रेगुलर शिक्षकों की भर्ती
जरूरी है। चयनित 9455 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्तियों पर हाईकोर्ट की रोक
के कारण पिछले 18 महीनों से नियुक्तियां अधर में लटकी हैं। इसका बच्चों की
पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
सरकार ने धांधली पर ये दिया जवाब:
सरकार की ओर से बताया गया कि उम्मीदवारों को उच्च शैक्षिक योग्यता के तहत
दिए गए एमए के 2 अंक कम्प्यूटर से हुए टेक्निकल फाल्ट की वजह से इंटरव्यू
कॉलम में जुड़ गए थे। इसका पता चलते ही बोर्ड ने रिजल्ट तुरंत वेबसाइट से
हटा लिया था। गलती सुधार करके रिजल्ट फिर से वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था।
इसी को याचिकाकर्ता धांधली बता रहे हैं। सीएफएसएल लैब में हुई जांच में भी
यही साबित हुआ है कि ऐसी गलती संभव है।
पक्ष और विपक्ष में याचिका :
भर्ती
रद करवाने के लिए याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने फिर से धांधली के पुराने
आरोप दोहराए। वहीं, चयनित जेबीटी की तरफ से अधिवक्ता संजय कौशल ने बहस में
नियुक्ति से रोक हटाने का आग्रह करते हुए अपना पक्ष रखा।
हाईकोर्ट ने
पूछा, किसके पास थे कम्प्यूटर :
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार
से पूछा है कि शिक्षकों का परिणाम तैयार करने से लेकर अंतिम समय तक रिजल्ट
से जुड़े कप्यूटर किसके पास थे। वो सभी भी इस मामले में जवाब दायर करें।
हाईकोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी की बेंच शुक्रवार को फिर मामले पर आगे
सुनवाई करेगी। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.