अंबाला : प्रदेशभर में कार्यरत सीएंडवी (क्लासिकल एंड वर्नाकुलर) अध्यापकों
को टीजीटी में बदलने के लिए शिक्षा विभाग के पास अभी तक रिकॉर्ड नहीं
पहुंच पाया है। इस पद पर आते ही प्रदेशभर में कार्यरत सीएंडवी टीचर का पे
स्केल बदल जाएगा और इन्हें मास्टर कैडर के समान ग्रेड पे मिलेगा। इससे
प्रदेशभर में कार्यरत करीब सात हजार अध्यापकों को लाभ मिलना तय है। बावजूद
इसके इन अध्यापकों ने अभी तक अपना रिकार्ड पेश क्यों नहीं किया यह बात समझ
से परे है। प्रदेश की बात करें तो इस समय प्रदेश में 21 हजार 668 पद
सीएंडवी अध्यापकों के स्वीकृत हैं। इनमें से करीब 13 हजार 734 पदों पर
अध्यापक कार्यरत हैं। इनमें से तबला वादक, ड्राइंग टीचर, पीटीआई और कटिंग
एंड टेलरिंग वाले सीएंडवी अध्यापकों से उनसे उनकी योग्यता के संबंध में
जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अभी तक इन्होंने अपना रिकार्ड पेश
नहीं किया।
सीएंडवी अध्यापकों को टीजीटी में तब्दील करने के लिए विभाग ने
पहले वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर अध्यापकों से रिकार्ड मांगा था लेकिन
आज तक प्रदेशभर में ज्यादातर जिलों के अध्यापक यह रिकार्ड पेश नहीं कर पाए
हैं। गौरतलब है कि इस मामले को उच्च न्यायालय में केस चल रहा है और कोर्ट
ने सभी सीएंडवी अध्यापकों को टीजीटी में तब्दील किया जाना है।
क्या होगा
फायदा
ऐसे अध्यापक जिन्होंने बीए/बीएससी और बीएड की है और वह सीएंडवी
अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं तो उन्हें वरिष्ठता के आधार पर मौलिक शिक्षा
मुख्य अध्यापक बना दिया जाएगा। इस तरह वह टीजीटी में तब्दील हो जाएंगे। ऐसा
करने से इन सीएंडवी अध्यापकों का ग्रेड पे बदल जाएगा। इस समय प्रदेश में
ड्राइंग और पीटीआई सीएंडवी अध्यापकों का 4200 ग्रेड पे है और भाषायी
सीएंडवी का ग्रेड पे मास्टर स्केल के बराबर 4600 है। dj
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