पानीपत : सरकारी स्कूलों में तैनात मौलिक मुख्याध्यापकों पर अब वर्कलोड
दोगुना हो जाएगा। उनको अब स्कूल का कामकाज निपटाने के अतिरिक्त 36 पीरियड
बच्चों को पढ़ाना होगा। जिस विषय के मुख्याध्यापक होंगे संबंधित विषय के
शिक्षक को सरप्लस दिखाकर दूसरे स्कूल में भेज दिया जाएगा।
मौलिक शिक्षा
निदेशालय ने वर्ष 2013 में 5548 से अधिक वरिष्ठ अध्यापकों को मिडिल स्कूलों
में मुख्याध्यापक के पद पर लगाया था। सीनियर सेकेंडरी से अटैच दर्जनों
स्कूलों में डीडी पावर न मिलने से मिडिल हेड कई माह तक निदेशालय का दरवाजा
खटखटाते रहे। बाद में उन्हें स्कूल का आहरण व वितरण अधिकारी बना दिया गया।
अब शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए निदेशालय से नया फरमान जारी किया गया
है। मौलिक मुख्याध्यापकों के कंधों पर नई जिम्मेवारी दी गई है। डाक व अन्य
फाइल वर्क पूरा करने
के बाद प्रत्येक दिन छह पीरियड बच्चों को पढ़ाएंगे। सप्ताह में 36 पीरियड
उनके लिए अनिवार्य कर दिया गया। किसी तरह की कोताही इसमें नहीं चलेगी।
अध्यापक दैनिकी में भरेंगे :
छठी से आठवीं कक्षा में किस दिन कौन सा
चैप्टर पढ़ाया ये सब अध्यापक दैनिकी में रोजाना लिखेंगे। स्कूल निरीक्षण के
दौरान कोई वरिष्ठ अधिकारी मांगेगा तो उन्हें दिखाएंगे। पीरियड लेने का
वास्तविक रिकॉर्ड यही होगा।
अध्यापकों के किए जाएंगे तबादले :
मौलिक शिक्षा
निदेशालय से सभी जिलों में तैनात डीईईओ को इस बारे में पत्र 3 10-2015-ईई
(1) भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि 31 मार्च 2016 के इनरोलमेंट के
आधार पर मुख्याध्यापकों को पढ़ाने का कार्यभार देकर संबंधित विषय के
शिक्षकों को सरप्लस माना जाएगा। जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी है
ट्रांसफर पॉलिसी में उन्हें वहां भेज देंगे।
हेडमास्टर को 12-18 पीरियड :
हाईस्कूल के मुख्याध्यापक व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य
को सप्ताह में 12-18 पीरियड लेने होते हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इससे
दोगुना पीरियड मौलिक मुख्याध्यापकों को लेने के आदेश जारी किए हैं। dj
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