चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार का पूरा फोकस संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने पर है।
कैथल जिले में जहां संस्कृत विश्वविद्यालय खोला जा रहा है, वहीं पंचकूला
में संस्कृत कालेज खोलने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। संस्कृत की
पढ़ाई के लिए राज्य में करीब पौने छह हजार संस्कृत शिक्षकों के पद सृजित हो
गए हैं।
मास्टर (टीजीटी) और सीएंडवी शिक्षकों के रेशनेलाइजेशन में
संस्कृत के 5738 और हिंदी के 1652 पद रह गए। इस तरह संस्कृत के शिक्षकों
की संख्या तीन गुणा हो गई है। जिन स्कूलों में हिंदी के शिक्षक नहीं
होंगे, वहां संस्कृत के शिक्षक ही हिंदी पढ़ाएंगे। हरियाणा राजकीय हिंदी अध्यापक संघ को संस्कृत के अधिक पद सृजित होने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन हिंदी के पद घटा दिए जाने पर कड़ा ऐतराज है। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास
शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार का पूरा जोर संस्कृत की पढ़ाई और
अनुसंधान को बढ़ावा देने की तरफ है। शिक्षा मंत्री के अनुसार संस्कृत
शिक्षकों की पदोन्नति व योग्यता से जुड़े विवादों को सरकार ने निपटा दिया
है। संस्कृत के शिक्षक भी अच्छे से हिंदी पढ़ा सकते हैं, लेकिन हमारा जोर
संस्कृत पर अधिक है। हरियाणा राजकीय हिंदी अध्यापक संघ के महासचिव मदन लाल
पाल, सुशील कौशिक और सरल वर्मा का कहना है कि हिंदी अध्यापकों ने कभी मांग
नहीं की है कि संस्कृत के पद कम किए जाएं। dj
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