करनाल : प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सुधार और अध्यापकों के
ट्रांसफर को लेकर शुरू की गई ऑनलाइन सेवा अध्यापकों को रास नहीं आ रही।
एमआईएस पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण अध्यापकों के लिए मुश्किलें खड़ी
हो गई हैं। इससे अध्यापकों और उनके परिजनों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
पोर्टल में तकनीकी खामी के कारण प्रदेशभर से हजारों शिक्षकों का ट्रांसफर
बिना उनकी सहमती के हो जाएगा। हां और नहीं के ऑप्शन में अध्यापक उलझ कर रह
गए हैं। नहीं करने पर भी हां पर क्लिक होने से अध्यापकों का तबादला हो
जाएगा। हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन ने मांग की है कि इस पोर्टल पर
पहले तकनीकी खामियों को दूर किया जाए उसके बाद ही अध्यापक इसका लाभ उठा
सकेंगे।
अध्यापकों का कहना है कि इस पोर्टल में नजदीक वाली पोस्टस को कीप
वेकेंसीज के नाम पर छिपाया जा रहा है। हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन के
जिला अध्यक्ष बीर सिंह राणा ने कहा कि एमआईएस पोर्टल में समस्त शिक्षक
समाज को एक उम्मीद की किरण नजर आई थी कि अब गृह-क्षेत्र से दूर बैठे
अध्यापकअपने घर के नज़दीक आ सकेंगे और शिक्षा सुधर में अपना योगदान दे
सकेंगे। लेकिन मास्टर से लेक्च्रार प्रमोटेड को भी यह गले की फांस लगने लगा
हैं, जिन्हें 200-300 किलोमीटर स्टेशन दिए गए है उन्हें इससे खासी उम्मीद
थी कि पोर्टल पर ट्रांसफर ड्राइव के माध्यम से वह अपने घर केनजदीक के ऑप्शन
भर सकेंगे, लेकिन नजदीक वाली पोस्ट्स को कीप वकैंसीज के नाम पर छुपाया जा
रहा है। जोकि शिक्षकों के साथ धोखाहै।
हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन ने
मु यमंत्री से मांग की है कि इस पोर्टल का जल्द से जल्द सरलीकरण होना
चाहिए। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से रोककर सबसे पहले लेक्चरार से
¨प्रसिपल प्रमोशन लिस्ट जारी की जानी चाहिए ताकि लेक्चरार पोस्ट और भी
ट्रांसफर के लिए उपलब्ध हो। रेशनेलाइजेशन को 31 सितंबर 2015 के स्थान पर
वर्तमान छात्र संख्या के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि पोस्ट्स बढ़ सके। इस
वर्ष जुलाई तक स्कूलों में बच्चों के दाखिले होने हैं। ऐसे में जुलाई के
बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या के आधार पर रेशनेलाइजेशन किया जाना
चाहिए। यदि जल्दी ही इसका सरलीकरण समेत सभी समस्याओं का समाधान नहीं किया
गया तो प्रदेश के समस्त अध्यापक आंदोलन की राह पर जाने पर मजबूर हो जाएंगे। dj
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