** रेशनेलाइजेशन के तरीके से भी नाराजगी, सरकार को बार-बार करना पड़ रहा नीति में बदलाव
चंडीगढ़ : प्रदेश के शिक्षकों में नई तबादला नीति को लेकर खलबली
मची हुई है। शिक्षकों में रेशनेलाइजेशन के तरीके से भी नाराजगी है और अब
स्थानांतरण नीति ने उनकी बेचैनी बढ़ा दी है। स्कूलों में शिक्षकों के पद
सरप्लस हो गए हैं, जबकि स्थानांतरण नीति में ज्यादातर पद शो नहीं किए जाने
से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ रहा है। शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए
राज्य सरकार बार-बार स्थानांतरण नीति में संशोधन कर रही है और उसे शिक्षक
हित में बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
हरियाणा स्कूल लेक्चरर
एसोसिएशन (हसला) के अध्यक्ष दयानंद दलाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल
ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास समेत कई उच्च अधिकारियों
से मुलाकात कर स्थानांतरण नीति पर आपत्ति जताई है। हसला के पूर्व प्रदेश
अध्यक्ष किताब सिंह मोर एवं हरियाणा राजकीय संस्कृत अध्यापक संघ के प्रदेश
अध्यक्ष रामप्रसाद कौशिक ने स्थानांतरण नीति-2016 को अव्यावहारिक करार
दिया है। दलाल, मोर और कौशिक के अनुसार प्रत्येक आइडी के साथ चाहे वह एक
विषय के शिक्षक हों, उन्हें अलग-अलग स्कूल चयन का विकल्प दिया गया है।
प्रत्येक घंटे में स्कूल चयन में बदलाव देखने को मिल रहा है। किसी स्कूल के
जोन चयन में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कार्यरत क्षेत्र से एक
स्टेशन 10 किलोमीटर दूर है व एक 70 किलोमीटर दूर है जो उसी जोन में दिखाया
गया है। परीक्षा परिणाम में अंक सबसे न्यूनतम रखे गए हैं। हरियाणा राजकीय
हिंदी अध्यापक संघ के उपप्रधान सुशील कौशिक, महासचिव प्रवीण तायल और कृष्ण
कुमार निनानिया ने कहा कि प्रदेश के सभी मिडिल स्कूलों में हिंदी शिक्षक का
पद होना चाहिए, परंतु राज्य भर के मिडिल स्कूलों में एक भी हिंदी शिक्षक
का पद सृजित नहीं है, जबकि पहले ये पद होते थे। अब वैकल्पिक विषय संस्कृत
वाले अध्यापक अनिवार्य विषय का शिक्षण कार्य कर रहे हैं। यही हालत वरिष्ठ
माध्यमिक विद्यालयों में भी कर दी गई है, जिससे हिंदी प्राध्यापकांे के पद
भी सरप्लस होने की संभावना बढ़ गई है। संघ के प्रवक्ता कृष्ण कुमार
निर्माण ने कहा कि कायदे से प्रदेशभर में हिंदी शिक्षकों के पद 5606 होने
चाहिए। यदि तमाम प्राइमरी स्कूलों में भी हिंदी शिक्षक का पद सृजित किया
गया तो यह संख्या 13 हजार 606 बनती है, जबकि हाल ही में 25 जुलाई के तहत
किए गए रेशनेलाइजेशन के अंतर्गत हिंदी शिक्षकों के पद 1652 मात्र ही रह गए
हैं। इसके विरोध में 14 जुलाई को करनाल में प्रदर्शन होगा। dj
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