चंडीगढ़ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले हरियाणा के शिक्षकों ने सरकार को अपने सुझाव भेज दिए हैं। मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी के सामने सभी विभागों के कर्मचारी संगठनों को सुझाव भेजने के लिए कहा गया था। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने अपने सुझावों में केंद्रीय वेतन आयोग से ऊंचे वेतनमान दिए जाने की मांग की है। यानी वे आयोग की सिफारिशों से संतुष्ट नहीं हैं।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से मुलाकात कर संघ प्रतिनिधिमंडल ने अपना मांग-पत्र सौंपा। संघ प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह के नेतृत्व में मिले इस प्रतिनिधिमंडल ने संघ के राज्य महासचिव सीएन भारती, राज्य संगठन सचिव बलबीर सिंह, राज्य उपप्रधान धर्मेंद्र ढांडा, राजेंद्र बाटू, कलीराम, भूप सिंह वर्मा आदि मौजूद रहे। अध्यापकों की जेबीटी से लेकर प्रधानाचार्य तक सभी कैटेगरी के लिए ऊंचे वेतनमान की मांग रखी गई।
शिक्षक संघ ने सुझावों में वेतन बढ़ोतरी की दर 6 प्रतिशत देने तथा वेतन निर्धारण गुणांक 3:02 से 3:17 तक करने की मांग की है। इसी तरह से न्यूनतम व अधिकतम वेतन का अनुपात 1:7 करने, एचआरए की दर 20-30 फीसदी करने, मेडिकल भत्ता किसी एक व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने पर आउटडोर खर्च प्रतिपूर्ति की अवस्था में बंद न करने, शिशु शिक्षण भत्ता 3 हजार रुपये प्रति बच्चा करने व इसे 12वीं से आगे भी जारी रखने के सुझाव दिए हैं।
इसी तरह से परिवहन भत्ता, स्वास्थ्य भत्ता, मोबाइल फोन व इंटरनेट भत्ता, प्रशासनिक भत्ता, एसीपी 8-16-24 की जगह 4-9-14 पर देने व केवल तीन एसीपी की शर्त हटाने, महिला कर्मचारी को तीसरे बच्चे पर भी मातृत्व अवकाश देने, हरियाणा में नई पेंशन स्कीम एनपीएस को बंद कर सभी अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने, हर अध्यापक को प्रत्येक 2 वर्ष में एलटीसी देने, लंबे अवकाश हेतु पांच फीसदी अध्यापकों की अतिरिक्त भर्ती करने, सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाओं के लिए अध्यापक का प्रावधान, वेतनवृद्धि की तिथि वर्तमान पद्धति के अनुसार एक ही रखी जाने व सेवानिवृत्ति के समय आनुपातिक आधार पर अध्यापक को वेतन वृद्धि देने, उच्च योग्यता पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि व मेडिकल कैशलैस स्कीम की मांग रखी है। dt
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