कुरुक्षेत्र : केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से बेटियों को दिए सम्मान के
बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी बेटियों का मान बढ़ाया है।
प्रशासन की ओर से माता-पिता की इकलौती बेटी के लिए हर विभाग में अतिरिक्त
सीट देने का फैसला किया है।
कुवि कार्यकारिणी परिषद की मंगलवार को हुई बैठक
में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। अगले सत्र के दाखिलों के लिए
स्नातक और स्नातकोत्तर सभी कक्षाओं में लागू होगा। कार्यकारिणी परिषद की
ओर से इसके नियम तय करने के लिए कमेटी का गठन किया है। जो विभागों को भेजे
जाएंगे।
केंद्र सरकार देश भर में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का नारा दिया है।
बेटियों के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। भ्रूण हत्या के खिलाफ सख्ती
से निपटा जा रहा है। ओलंपिक में भी देश का सम्मान बेटियों ने ही बढ़ाया
है। इसी तर्ज पर कुवि ने फैसला किया है।
कुवि ने सिंगल गल्र्स चाइल्ड नियम
के नाम से नया नियम बनाया है। कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र ने बताया कि
कार्यकारिणी के इस निर्णय के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में चलने वाले सभी
यूजी व पीजी पाठ्यक्रमों में उन बेटियों के लिए एक अतिरिक्त सीट बढ़ाई
जाएगी जो बेटियां अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हैं। इसके अलावा जिस
परिवार में सिर्फ बेटियां हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। कुलपति शर्मा ने
कहा कि कुवि के क्लासरूम में पहले से बेटियों की संख्या अधिक है।
कार्यकारिणी परिषद के इस फैसले से लोग बेटियों को शिक्षित करने के लिए ओर
प्रेरित
होंगे। विश्वविद्यालय ने सामाजिक जिम्मेवारी को निभाते हुए अगले सत्र से
सभी विभागों में एक अतिरिक्त सीट बेटियों के लिए आरक्षित रखने का निर्णय
लिया है। dj
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