** मान्यता के अभाव में बोर्ड नहीं देगा इन स्कूलों को संबद्धता, विद्यार्थियों पर पड़ेगा असर
चंडीगढ़ : प्रदेश के 933 प्राइवेट स्कूलों की अस्थायी मान्यता को लेकर
पेंच फंस गया है। प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को अभी तक एक साल के लिए
अस्थायी मान्यता नहीं दी है। अस्थायी मान्यता के अभाव में शिक्षा बोर्ड
भिवानी ने भी इन स्कूलों को संबद्धता देने से भी इन्कार कर दिया है।
अस्थायी मान्यता और बोर्ड की संबद्धता नहीं मिलने के कारण इन प्राइवेट
स्कूलों में पढ़ रहे दसवीं और बारहवीं के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य
अधर में लटक गया है। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षाओं से
वंचित रहना पड़ सकता है।
प्रदेश में करीब 18 हजार प्राइवेट स्कूल हैं।
इनमें से 8 हजार स्कूलों के पास मान्यता है, जबकि 10 हजार स्कूल बिना
स्थायी मान्यता के चल रहे हैं। जिन 10 हजार स्कूलों के पास स्थायी मान्यता
नहीं है, उनमें 3200 स्कूलों को हर साल एक-एक वर्ष के लिए मान्यता लेनी
पड़ती है, जबकि 6800 स्कूल गैर मान्यता प्राप्त हैं। 2003 से पहले इन
स्कूलों को एक-एक साल के लिए मान्यता देने का प्रावधान था, जो अभी तक चलता आ
रहा है। अस्थायी मान्यता प्राप्त 3200 स्कूलों में से इस बार 2092
स्कूलों ने फिर से एक साल के लिए मान्यता देने का अनुरोध सरकार से किया था।
करीब 1100 स्कूल ऐसे हैं, जो या तो बंद हो गए अथवा उन्होंने नए सिरे से
अस्थायी मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है। इन 2092 स्कूलों में से 1159
को अस्थायी मान्यता प्रदान की जा चुकी है, जबकि 933 की मान्यता यह कहते हुए
रोक दी गई है कि उनकी फाइलें प्रक्रिया में नहीं हैं। इन स्कूलों को 24
अगस्त तक फाइलें पूरी करने को कहा गया है।
"बिना अस्थायी मान्यता के बोर्ड की
ओर से स्कूलों की संबद्धता नहीं दी जा रही। संबद्धता के अभाव में हजारों
बच्चों का भविष्य बर्बाद हो सकता है। 24 अगस्त के बाद बोर्ड 5 हजार रुपये
का जुर्माना लगाएगा। एग्जिस्टिंग स्कूलों की सूची भी अभी जारी नहीं हुई।
स्कूलों की तीसरी मंजिल के लिए भूमि में 30 प्रतिशत की छूट देने और वन रूम
वन क्लास के ऊपर सहमति होने के बावजूद नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। अस्थायी
संबद्धता की फीस दो हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है। बसों की परमिट फीस
850 रुपए से बढ़ाकर 25 हजार की जा चुकी है।"-- सत्यवान कुंडू, प्राइवेट
स्कूल एसोसिएशन हरियाणा
इन दस्तावेजों के जमा कराने से मिल सकेगी अस्थायी मान्यता
सीएम के
ओएसडी कैप्टन भूपेंद्र सिंह ने स्कूल संचालकों की इस समस्या के समाधान के
लिए बीच का रास्ता निकालने के निर्देश दिए हैं। अस्थायी मान्यता से वंचित
स्कूल यदि 2015-16 का संबद्धता प्रमाण पत्र, 2015-16 की ही मान्यता बढ़ाने
संबंधी स्वीकृति और फार्म नंबर दो की कापी डीईओ के पास जमा करा देते हैं तो
ऐसे केस निदेशालय भेजकर अस्थायी मान्यता की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। dj
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