.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Wednesday, 24 August 2016

अब सुधार के चूल्हे पर मिड-डे-मील

** शिक्षक दिवस जैसे पुनीत अवसर से मिड-डे-मील वीक आयोजित करने के निर्देश
फतेहाबाद : कभी राशन में कीड़ा लग जाने की तो कभी पेड़ के नीचे खाना पकाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की। कहीं पौष्टिकता में कोताही, कहीं कुक की सेहत खराब रहने की शिकायतें। मिड-डे-मील का बहुउद्देश्यीय एवं व्यापक सरकारी अभियान मानो सवालों से घिर गया हो। सरकार के शिक्षा विभाग ने अब इस दिशा में संजीदगी दिखाई है। शायद तभी सुधार के चूल्हे पर मिड-डे-मील पकाने की कवायद की गई है। इसी कड़ी में पहली बार राज्यव्यापी मिड-डे-मील सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। 
इस संबंध में राज्य सरकार के मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला एवं खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर 5 सितंबर अर्थात शिक्षक दिवस जैसे पुनीत अवसर से मिड-डे-मील वीक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। 
बेशक, नौनिहालों के लिए पौष्टिक दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाने की केंद्रीय पृष्ठभूमि पर आधारित इन साप्ताहिक आयोजनों का मुख्य मकसद बच्चों के साथ ही मिड-डे-मील से जुड़े कुक व अन्य स्टाफ के बीच जागरूकता पैदा करना होगा। सप्ताह के अलग-अलग दिन खाने की गुणवत्ता से लेकर स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य हित से जुड़े पांच सूत्रीय कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रतिदिन कार्यक्रम के दौरान चलाई गईं गतिविधियों पर न केवल संबंधित अधिकारियों की सक्रिय निगहबानी होगी बल्कि इसकी रिपोर्ट भी निदेशालय को भेजनी पड़ेगी। विशेषज्ञ बुद्धिजीवियों की राय में निदेशालय की संजीदगी मिड-डे-मील में सुधार की उम्मीद जगाती है।

निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी व मॉनिटरिंग अधिकारी को इस सप्ताह कम से कम अलग-अलग 50-50 विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा।तभी ग्राउंड रिपोर्ट निदेशालय को भेजनी होगी।
"मिड-डे-मील को लेकर जागरूकता आधारित आयोजन सरकार की अच्छी नीति है। निदेशालय ने इस बाबत जो निर्देश दिये हैं, इसमें सबको सहयोग करना चाहिए तभी आयोजन सफल हो सकेगा।"-- विकास टुटेजा, प्रधान राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
"मकसद तो स्पष्ट है। सुधार सतत प्रक्रिया है। साथ ही, जागरूकता भी जरूरी है। इस वजह से मिड-डे-मील सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इसके सुखद परिणाम सामने आएंगे।"-- आरएस खरब, निदेशक मौलिक शिक्षा।                                         dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.