मेवात में बेटियां बचाई तो जा रही हैं,लेकिन बेटियों को पढ़ाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुन्हाना खंड में 52 मिडल स्कूलों में से 24 स्कूलों में एक भी अध्यापक नहीं है। खंड के 17 बॉयज व 7 गर्ल्ज मिडल स्कूलों में पिछले 10 वर्षों से कोई शिक्षक नहीं है। लोगों का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विभाग से लेकर सरकार तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक स्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पाई है। सरकार ने खंड के गांवों में करीब 24 प्राइमरी स्कूलों को 2006-07 में मिडल स्कूल का दर्जा दिया था, लेकिन किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई। छात्रों को प्राइमरी के शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
बिना टीचर चल रहे विद्यालय :
मिडल स्कूल सनेहड़ा, अमीनाबाद, नहेदा , इंदाना, गर्ल्ज मिडल इंदाना, तुसैनी ,पटाकपुर, गर्ल्ज मिडल शाह चौखा आदि मिडल विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई। खंड शिक्षा अधिकारी, अबुल हुसैन के मुताबिक, स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रति वर्ष इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाती है। आगामी कार्रवाई उच्चाधिकारियों व सरकार को करनी है।
नगीना में भी कमी :
नगीना खण्ड में भी 7 साल पहले प्राइमरी से अपग्रेड करके मिडल किए जिले के 137 स्कूलों में अब भी शिक्षकों का भारी टोटा है। शिक्षा अधिकार कानून के तहत मिडल स्तर तक 35 बच्चों पर एक शिक्षक का अधिकार होने का दावा किया जाता है लेकिन नगीना खंड के कन्या मिडल स्कूल मांडीखेड़ा, अटेरना, जैताका, कंकर खेड़ी, कंसाली, जलालपुर नूंह, बुखाराका सहित पूरे जिले में कई दर्जनों अन्य ऐसे मिडल स्कूल हैं जहां एक अदद शिक्षक नहीं है।
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