तोशाम : सरप्लस बताकर हटाए गए 3581 अतिथि अध्यापकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी कई अध्यापकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। किसी स्कूल में पोस्ट तो है, लेकिन वर्कलोड नहीं है और वर्कलोड है वहां विभाग द्वारा पोस्ट नहीं दी गई है। ऐसे में 2 दिन बाद ही एक बार फिर सरप्लस अतिथि अध्यापकों को रिलीविंग की समस्या का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते विभाग के अधिकारियों व अतिथि अध्यापकों की सांसें अटकी हुई हैं और प्रभावित अध्यापकों ने ज्वाइनिंग के लिए एक बार फिर भागदौड़ शुरू कर दी है।
आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हसान से रिलिव किए गए अतिथि अध्यापक जयव्रत व सुशील सामाजिक अध्ययन, जोगीराम गणित व सुरेन्द्र हिन्दी अध्यापक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उन्होंने 19 अगस्त को उक्त स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया था, लेकिन आज स्कूल मुखिया ने ज्वाइनिंग ऑर्डर के पीछे संबंधित विषयों के पद न होने की बात करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेज दिया और उक्त दिनों में किए गए कार्य की हाजिरी भी नहीं लगवाई गई।
प्रभावित अतिथि अध्यापकों ने बताया कि उक्त स्कूल में वर्कलोड तो है, लेकिन विभाग द्वारा पदों को स्वीकृत नहीं किया गया, ऐसे में स्कूल मुखिया के सामने संबंधित अध्यापकों का वेतन निकलवाने की दिक्कत खड़ी होती है। जिसके चलते उक्त कार्यवाही की गई।
इन स्कूलों में स्थिति अस्पष्ट
विभागीय सूत्रों के अनुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढाणीमाहू, राजकीय उच्च विद्यालय मण्ढाण, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निंगाना, कन्या उच्च विद्यालय मिरान व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हसान ऐसे स्कूल हैं, जिनमें उक्त अध्यापकों के लिए वर्कलोड तो है, लेकिन पद विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं है। ऐसे में अध्यापकों का वेतन निकलवाने में स्कूल के सामने दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
क्या कहते हैं स्कूल मुखिया
इस बारे में हसान स्कूल के कार्यवाहक प्राचार्य भूपसिंह से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि उक्त अध्यापकों के लिए उनके स्कूल में वर्कलोड तो है, लेकिन विभाग की तरफ से पोस्ट नहीं दी गई। ऐसे में उक्त अध्यापकों का वेतन निकलवाने के लिए कोई रास्ता नहीं है, जिसके लिए खण्ड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर दिशानिर्देश मांगे गए हैं। उन्होंने विद्यालय में अध्यापकों की कमी को भी स्वीकारा है।
यूनियन पदाधिकारी बोले
आज प्रभावित हुए अतिथि अध्यापकों के बारे में संगठन के प्रदेश प्रवक्ता धर्मबीर कौशिश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के पदों को सामाजिक अध्ययन के पदों के रूप में विभाग द्वारा बदला गया है, ऐसे में सामाजिक अध्ययन के पद स्कूलों में आ गए हैं। साथ ही उन्होंने विभाग से मांग की कि प्रभावित अतिथि अध्यापकों को शीघ्र स्कूलों में समायोजित किया जाए।
शीघ्र किया जाएगा समाधान : शिक्षा अधिकारी
अतिथि अध्यापकों के सामने आई इस समस्या के बारे में बोलते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र यादव ने बताया कि प्रभावित अध्यापकों का शीघ्र ही समाधान कर दिया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया कि स्वीकृत पद ना होने के चलते वेतन निकलवाने में दिक्कत आती है। उन्होंने बताया कि प्रभावित अध्यापकों को दूर स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। dt
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