चंडीगढ़ : पूर्व में सरप्लस घोषित हो चुके प्रदेश के 3581 अतिथि अध्यापक
फिर से नौकरी पर लौटेंगे। प्रदेश सरकार ने इन शिक्षकों को स्कूलों में
समायोजित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सेकेंडरी स्कूल शिक्षा विभाग
द्वारा इन शिक्षकों को पहले उन्हीं स्कूलों में ज्वाइन कराया जाएगा, जहां
से उन्हें हटाया गया था। बाद में उन्हें खाली पदों पर स्थानांतरित किया जा
सकता है।
हुड्डा सरकार द्वारा 2005-06 के दौरान सरकारी स्कूलों में
गेस्ट टीचर नियुक्त किए गए थे। इन शिक्षकों को नौकरी करते हुए दस साल से
अधिक का समय हो चुका है। वर्तमान में करीब 15 हजार शिक्षक ड्यूटी पर हैं।
इनमें करीब सात हजार टीजीटी, लगभग छह हजार जेबीटी और दो हजार पीजीटी शिक्षक
शामिल हैं। 1 अप्रैल 2016 से 3581 गेस्ट टीचर्स अपने घर बैठे थे। उन्हें
सरप्लस बताकर नौकरी से हटा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद
हंिदूी, सामाजिक विज्ञान व गणित के टीजीटी शिक्षक वापस नौकरी पर लौटेंगे।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास की मंजूरी के बाद मौलिक
शिक्षा महानिदेशक रोहताश खरब ने गेस्ट टीचर्स को एडजेस्ट करने संबंधी आदेश
बुधवार को जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने 6 जुलाई
2015 को इन अतिथि अध्यापकों को नौकरी से हटा दिया था। सरकार के इस फैसले
को हाईकोर्ट में ही चुनौती दी गई।
नौ हजार सरप्लस पदों की फाइल वापस भेजी
प्रदेश में ऑनलाइन दाखिलों व
रेशनेलाइजेशन के बाद करीब नौ हजार पद सरप्लस हो गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री
ने इन सरप्लस पोस्ट की फाइल को वापस भेज दिया है। राज्य सरकार चाहती है कि
नव चयनित जेबीटी को ज्वाइनिंग मिले। कानूनविदों ने सरकार को सलाह दी है कि
सबसे पहले डिस्टिक्ट अलॉटमेंट का काम पूरा होना चाहिए। dj
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