कैथल : स्मार्ट क्लास रूम और लग्जरी के नाम पर प्राइवेट स्कूलों की ओर रुख
करने वाले बच्चों को अब यह सुविधाएं सरकारी स्कूलों में भी मिलेंगी। शिक्षा
विभाग ने प्रदेश के 243 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और छह डाइट
संस्थानों को स्मार्ट वचरुअल क्लासरूम सुविधा से जोड़ने की योजना धरातल पर
उतार दी है। इसमें प्रोजेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड, कंप्यूटर, प्रोसेसर और
ई-बुक्स शामिल हैं। 1ज्यादातर स्कूलों में सामान पहुंच चुका है और सिर्फ
इंस्टालेशन रहती है। कई स्कूलों में तो सिस्टम लगाए जा चुके हैं। 490
स्कूलों के सर्वेक्षण के बाद 247 स्कूलों को इस सिस्टम के लिए फिट नहीं
पाया गया। भिवानी जिले में सबसे अधिक 25 और पंचकूला जिले में सबसे कम दो
स्कूल इस काबिल पाए गए हैं, जिन्हें स्मार्ट बनाया जा सके। यहां तक कि
शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा के गृह जिले के महज चार ही स्कूल इसमें
शामिल हैं।
"प्रदेश के 243 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और छह डाइट संस्थान को स्मार्ट वचरुअल
क्लासरूम योजना के तहत जोड़ा गया है। इनमें सामान भिजवा दिया गया है।
जल्दी ही इंस्टालेशन हो जाएगी।"--शमशेर सिरोही, उप जिला शिक्षा अधिकारी।
इन स्कूलों में बनेंगे स्मार्ट क्लासरूम :
कैथल जिले के चुने
11 स्कूलों में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली, राजकीय कन्या
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ब्वायज
कैथल, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक
विद्यालय चीका, भागल, अरनौली, कांगथली, पाई और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक
विद्यालय फतेहपुर शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गोद लिए
गए गांव क्योड़क के राजकीय संस्कृत मॉडल स्कूल को भी इसमें जोड़ा गया है।
इसी गांव के एक समाज सेवी ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में
स्मार्ट क्लास रूम का पूरा खर्च दिया है।
dj
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