** तबादलों के साथ ही अकाउंट नंबर कर दिया स्थानांतरित
अंबाला : सरकार की ऑनलाइन तबादला नीति का खामियाजा जल्द ही उन शिक्षकों को
भुगतना पड़ेगा जिन्होंने अभी तक नए स्कूल में ज्वाइन नहीं किया है। ऐसे में
अगर यह शिक्षक इस सप्ताह भी तबादले में मिले नए स्कूल में ज्वाइन नहीं
करते है तो अगले माह इन शिक्षकों को विभाग वेतन ही नहीं देगा। इसके लिए
बाकायदा निदेशालय ने तैयारी कर ली है। क्योंकि निदेशालय अधिकारियों ने सभी
जिलों के शिक्षा अधिकारियों को उनके जिलों में ट्रेजरी से ऐसे शिक्षकों का
वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए गए है, क्योंकि तबादले के साथ ही शिक्षकों
का वेतन पहले जिस ट्रेजरी से बनता था, वहां के बजाय अकाउंट नंबर अब नए जोन
के ट्रेजरी कार्यालय में दे दिया गया है।
दरअसल, जुलाई महीने में निदेशालय
की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में तैनात पीजीटी शिक्षकों के दूसरे जोन में
तबादले के लिए आनलाइन आवेदन करने के लिए आदेश दिए गए थे। आनलाइन आवेदन करने
के दौरान शिक्षकों को विभाग की वेबसाइट पर उनके जोन से बाहर दूसरे जोन के
पांच स्कूलों के विकल्प मांगे गए थे। यह आवेदन भी केवल उन शिक्षकों द्वारा
ही किए जाने थे जो एक ही स्कूल में पांच साल या इससे अधिक समय से कार्यरत
थे। इसलिए कई साल से एक ही स्कूल में जमे बैठे शिक्षकों की कुर्सियां
हिलाने के लिए ही विभाग की ओर से आनलाइन तबादला पालिसी का शुभारंभ किया।
सरकार ने इस पालिसी के तहत कुछ दिन पूर्व ही पारदर्शिता के लिए प्रदेशभर के
साढ़े 10 हजार पीजीटी शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले किए, लेकिन इस पालिसी के
तहत कुछ तबादले ऐसे भी कर दिए गए। प्रदेशभर के ऐसे हजारों शिक्षक है जिनका
तबादला अन्य जोन में कर दिया गया है, लेकिन इन शिक्षकों ने अभी तक ज्वाइन
ही नहीं किया है जबकि स्कूलों की ओर से इन शिक्षकों को रिलीव करने के आदेश
भी निदेशालय की ओर से जारी हो चुके है।
20 प्रतिशत
दिक्कतें आई है
"सरकार की ऑनलाइन तबादला पालिसी काफी बढ़िया है, लेकिन इसमें
20 प्रतिशत कमियां है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत ऐसे शिक्षकों के तबादले कर
दिए गए है जिन्होंने दो जोन के पांच स्कूलों का विकल्प आनलाइन भरा था,
लेकिन उनका तबादला अन्य जोन में कर दिया गया है।"-- अशोक सैनी, जिला सचिव,
अध्यापक संघ
स्कूलों से कर दिया गया रिलीव
"आनलाइन तबादले के बाद स्कूल
¨प्रसिपलों ने शिक्षकों को रिलीव कर दिया है। शिक्षकों ने नए जोन के
स्कूलों में ज्वाइनिंग कर ली है। अगर शिक्षक ज्वाइनिंग नहीं करते तो
ट्रेजरी से उनका वेतन ही नहीं मिल सकेगा क्योंकि निदेशालय ने तबादलों के
बाद शिक्षकों के अकाउंट नंबर भी तबादले वाले जोन की ट्रेजरी में भेज दिए
है।"-- सुधीर कालड़ा, खंड शिक्षा अधिकारी
अंबाला छावनी।
ज्वाइनिंग के साथ मांगे विकल्प
"ऑनलाइन तबादलों के बाद
शिक्षकों के गलत जोन में तबादलों संबंधित शिकायतें आ रही है। इसलिए एक आदेश
दिया गया है कि शिक्षक अपने तबादले मुताबिक ज्वाइन करें और वह फिर से
निदेशालय में विकल्प दे ताकि गलती को ठीक किया जा सके।"-- पीसी मीना, स्कूल
शिक्षा निदेशक। dj
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