** छत्तीसगढ़ की यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के दिए थे फर्जी कागजात
** 2012 में सेंट्रल स्पेशल स्टरलाइजेशन सेंटर में
किया था ज्वाइन
** मुख्यमंत्री के फ्लाइंग दस्ते ने खंगाला मेडिकल शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड
रोहतक : प्रदेश के एकमात्र पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर संस्थान यानि
पीजीआइएमएस में एक निजी शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर तीन वर्ष तक फर्जी
डिग्री पर नौकरी करके चले गए, लेकिन प्रबंधन ने कार्रवाई करना तो दूर मामला
ही दबा दिया। अब यह मामला खुफिया और मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते के संज्ञान
में आया है।
सोमवार को उड़नदस्ते ने पीजीआइ से रिकार्ड कब्जे में लेकर
जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते की टीम के पहुंचने के बाद
पीजीआइ प्रबंधन भी हरकत में आ गया है। शीघ्र ही इस संदर्भ में आरोपी के
खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
दरअसल, रोहतक के एक मेडिकल शिक्षण
संस्थान के डायरेक्टर ने कांग्रेस शासनकाल यानि वर्ष 2012 में पीजीआइएमएस
में सेंट्रल स्पेशल स्टरलाइजेशन सेंटर में बतौर सुपरवाइजर
ज्वाइन किया था और 2014 में किसी ने उनकी शिकायत की।
15 लोगों से की पूछताछ :
पीजीआइएमएस के जिस विभाग से खुफिया विभाग और
मुख्यमंत्री उड़न दस्ते की टीम ने रिकॉर्ड तलब किया है, वहां पर काम करने
वाले 15 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई। यह दोनों टीमें सुबह 11 बजे से
लेकर दोपहर एक बजे तक यहां पर रही।
"मै अभी चंडीगढ़ मीटिंग से लौट रहा हूं। टीम पीजीआइएमएस में गई थी या नहीं,
इसकी जानकारी नहीं है। फर्जी डिग्री पर नौकरी करने पर रिपोर्ट दर्ज होनी
चाहिए। मैं खुद इस मामले का पुराना रिकॉर्ड देखूंगा। यदि उस समय रिपोर्ट
दर्ज नहीं कराई गई है तो अब जांच के बाद कराई जाएगी"-- डॉ. ओपी कालरा,
कुलपति, पंडित बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी, रोहतक dj
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