चंडीगढ़ : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग व बीएड कॉलेजों को
दूसरे विश्वविद्यालयों के अधीन शिफ्ट नहीं किया जाएगा। ऐसे कॉलेज शिफ्ट किए
जाने के प्रस्ताव पर विधानसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक दल की नेता
किरण चौधरी और इनेलो विधायक दल के उप नेता जसविंद्र सिंह संधू द्वारा जताए
गए विरोध के बाद सरकार को यह एलान करना पड़ा।
सदन में शिक्षा मंत्री
प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से न तो एक भी
इंजीनियरिंग कॉलेज शिफ्ट होगा और न ही बीएड कॉलेज। सरकार ने कुरुक्षेत्र
विवि के अधीन वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों को सोनीपत स्थित इंजीनियरिंग
विश्वविद्यालय के अधीन कर दिया था। इसके लिए आदेश जारी हो चुके हैं। किरण
चौधरी ने इस मुद्दे बनाते हुए कहा कि इससे केयू की प्रतिष्ठा पर असर
पड़ेगा। केयू का दुनियाभर में नाम है और सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि केयू से किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज
को अन्य यूनिवर्सटिी के अधीन नहीं किया जाएगा। इसी दौरा इनेलो विधायक
जसविंद्र संधू ने कहा कि सरकार ने 159 बीएड कॉलेज केयू से शिफ्ट करके जींद
की चौ. रणबीर सिंह हुड्डा यूनिवर्सटिी के अधीन कर दिए हैं। शिक्षा मंत्री
ने बीएड कॉलेजों को भी केयू के ही अधीन रखे जाने का एलान किया। वहीं,
गुड़गांव के सेंटर में स्थित ककरौला गांव में सरकार यूनिवर्सटिी की स्थापना
करेगी। सीएम मनोहर लाल पहले भी इसकी घोषणा कर चुके हैं। सोमवार को
गुड़गांव के विधायक उमेश अग्रवाल ने जब यह सवाल उठाया तो शिक्षा मंत्री
प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि इसी वर्ष से यूनिवर्सटिी का निर्माण शुरू
कर दिया जाएगा। यूनिवर्सटिी निर्माण के लिए ककरौला ग्राम पंचायत द्वारा
पचास एकड़ भूमि राज्य सरकार को निश्शुल्क दी जा चुकी है। ग्राम पंचायत ने
इस भूमि के बदल चार मांगें सरकार के सामने रखी हैं। पहली तो यह कि
यूनिवर्सटिी के दाखिले में पांच प्रतिशत सीटें स्थानीय युवाओं के लिए
रिजर्व की जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में गांव के लोगों को प्राथमिकता
दी जाए। अन्य स्टॉफ की नियुक्ति में भी योग्यता अनुसार गांव के युवाओं को
मौका दिया जाए। साथ ही गांव के प्राचीन मंदिर को जाने वाले रास्ते में
बदलाव न किया जाए। dj
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