** एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री की मंजूरी संभव
** ग्रेड पे बढ़ाने की सिफारिश पर लग सकती है मुहर
** पंजाब के समान वेतनमान देने की नहीं है सिफारिश
** वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय 30 सितंबर तक
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार 50,000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को जल्दी ही तोहफा देने जा रही है। यह तोहफा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने से पहले दिया जाएगा। जी. माधवन वेतन विसंगति आयोग की सिफारिशों को मंजूर करने की अंतिम तैयारी हो चुकी है। वित्त विभाग ने इन सिफारिशों की जांच कर ली है और अधिकतर सिफारिशें मंजूर करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास फाइल भेज दी है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कार्यालय एक सप्ताह के भीतर इन सिफारिशों पर मुहर लगा देगा। जी. माधवन आयोग ने सरकार को गत 10 मार्च को रिपोर्ट सौंपी थी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर हरियाणा के कर्मचारियों और अफसरों का वेतनमान तय करने के लिए आयोग की सिफारिशों का आकलन करने के लिए गठित कमेटी को 30 सितंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है इसलिए माधवन आयोग की सिफारिशों पर अंतिम फैसला किया जाना जरूरी है। सरकार पहले वेतन विसंगति आयोग की सिफारिशें लागू करेगी और उसके बाद सातवें वेतन आयोग के अनुरूप अपना वेतनमान लागू करेगी। चूंकि आयोग ने पंजाब के समान वेतनमान देने की सिफारिश नहीं की थी क्योंकि सरकार ने उन्हें यह काम नहीं दिया था। इसलिए पंजाब के समान वेतनमान नहीं मिलेगा। सिफारिशें लागू करने पर 100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है।
ये थीं आयोग की सिफारिशें
- पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देना। 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का ग्रेड पे बढ़ाना।
- प्रमोट कर्मियों का सीधी भर्ती वालों के समान वेतन हो। फील्ड व निदेशालय के मिनिस्ट्रियल स्टाफ का वेतन समान हो
- निदेशालय, फील्ड के मिनिस्ट्रियल स्टाफ का वेतनमान सचिवालय के मिनिस्ट्रियल स्टाफ के समान हो।
- कैडर के अनुसार एसीपी के मानदंड हों। तहसीलदार, डीएफएससी की सीधी भर्ती न हो। एचसीएस के समान अन्य पदों का वेतनमान समान न हो।
- एक अधिकारी ने कहा-सिफारिशों पर वित्त विभाग ने मंथन कर लिया है। अब रिपोर्ट सीएम के पास भेजी है। hb
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