प्रदेश की शिक्षा नीति पर लगातार सवाल उठ रहे थे।
बदहाल परीक्षा परिणाम और स्कूलों में शिक्षकों की कमी ने पूरी व्यवस्था को
ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। अब लग रहा है कि सरकार ने व्यवस्था में
बदलाव की ठानी है। सरकार के प्रयास सही दिशा में रहें तो निश्चित तौर पर
इसके व्यापक परिणाम भी आएंगे। स्कूलों में बड़े पैमाने पर तबादलों का दौर
जारी है। अब प्राइमरी शिक्षकों के कंप्यूटर से तबादले की प्रक्रिया शुरू
है। पहली बार बिना पर्ची व सिफारिश के यह तबादले हो रहे हैं। इससे बरसों तक
एक स्थान पर जमे शिक्षकों को स्टेशन छोड़ना पड़ेगा। उम्मीद है स्कूलों में
शिक्षा का माहौल सुधरेगा। इसके साथ ही लंबित भर्तियों को जिला आवंटन की
प्रक्रिया शुरू हो रही है। रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर सरकार
ने दो साल से असमंजस में फंसे शिक्षकों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया को
आगे बढ़ाने का निर्णय किया है। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी होगी
और माहौल बदलेगा। अभी तक सैकड़ों प्राथमिक स्कूल एक ही शिक्षक से चल रहे
थे। कई स्कूल तो बिना शिक्षकों के थे। अतिथि अध्यापकों को पदमुक्त करने से
तो स्थिति काफी विकट हो चुकी थी। 12 हजार से
अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही अतिथि अध्यापक भी स्कूलों में वापस
लौट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद 3500 से अधिक अतिथि शिक्षकों
को बहाल किया जा रहा है। इस तरह स्कूलों में एक साथ करीब 17 हजार शिक्षक
आएंगे। ऐसे में स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मसला खत्म हो जाएगा।
अब
आवश्यक है कि स्कूलों में मॉनीटरिंग व्यवस्था दुरुस्त हो। शिक्षक सिर्फ
पढ़ाने का कार्य करें। हालांकि पहले से तय है कि नियमित तौर पर स्कूलों में
मासिक परीक्षाएं होंगी और शिक्षकों को उसकी रिपोर्ट हर माह भेजनी है। पर
अभी भी बड़े पैमाने पर स्कूल इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। बोर्ड
परीक्षा में बहुत से शिक्षकों का परिणाम शून्य से आगे नहीं बढ़ पाया था।
पिछले दिनों रिपोर्ट आई कि बड़े पैमाने पर शिक्षक प्रॉपर्टी डीलर बन रहे
हैं। ऐसे शिक्षकों पर शिकंजा कसने की आवश्यकता है। इन शिक्षकों की जवाबदेही
तय होनी चाहिए। सरकार के प्रयास सही दिशा में रहें तो स्कूलों की स्थिति
में बदलाव संभव है। आवश्यक है कि स्कूलों में शिक्षा का माहौल बना रहे।
गुरुजी को केवल पढ़ाई के काम में ही लगें। एक बार सरकारी स्कूलों का माहौल
बदलेगा तो आम आदमी को बेहतर शिक्षा का सपना पूरा हो सकेगा। djedtrl
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