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Sunday, 7 July 2013

पानीपत में शिक्षकों के 350 से अधिक पद सरप्लस!


रेशनेलाइजेशन को लेकर मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रमुखों की एक बैठक आज यहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई। इसमें स्कूल मुख्याध्यापकों व प्राचार्यों से मास्टर व सीएंडवी शिक्षकों की रिक्ति सूची, स्टाफ स्टेटमेंट और विद्यार्थियों की संख्या का ब्यौरा एकत्र किया गया। जिला में रेशनेलाइजेशन के अनुसार शिक्षकों के 350 से अधिक पद सरप्लस होने की उम्मीद है। स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें न पहुंचने और शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई को ग्रहण-सा लगा हुआ है। सितंबर में आयेाजित की जाने वाली प्रथम सेमिस्टर की परीक्षाओं के लिये पाठ्यक्रम कैसे पूरा हो, इसकी चिंता किसी को नहीं है।
जानकारी के अनुसार लघु सचिवालय स्थित शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में डीईओ शीला बल्हारा की अध्यक्षता में हुई बैठक में 31 मई, 2013 के आधार पर छात्रों की संख्या और सरप्लस होने वाले शिक्षकों का ब्योरा एकत्र किया गया। यह ब्योरा अगले सप्ताह निदेशालय को भेजा जायेगा। नयी रेशनेलाइजेशन नीति के किसी भी विषय के 44 पीरियड पर एक, 80 पर दो, 120 पर तीन, इससे अधिक प्रत्येक 40 पीरियड पर एक-एक अतिरिक्त शिक्षक का प्रावधान किया गया है। इस हिसाब से जिला में एसएस, हिंदी ओर गणित के 350 से अधिक पद सरप्लस होने की उम्मीद है। इन विषयों के कुछ पद स्कूलों में अभी खाली हैं।
जानकारी के अनुसार किसी भी स्कूल में किसी विषय के दो पद सरप्लस होते हैं तो सीनियर शिक्षक का पद सरप्लस माना जायेगा। यदि सरप्लस पद पर अतिथि शिक्षक कार्यरत है तो जूनियर अतिथि शिक्षक को अन्यत्र समायोजित किया जायेगा। सीनियर अथवा जूनियर का फैसला शिक्षक की उस स्कूल में कार्य ग्रहण तिथि से माना जायेगा।
पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण विभाग ने पहली बार ग्रीष्मावकाश में कक्षा तत्परता कार्यक्रम भी आयोजित किया। इस पर भी मोटी रकम खर्च की गई। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में रूचि भी ली और परिणाम भी सकारात्मक रहे लेकिन इस बीच विभाग ने मिडल स्कूलों के  मुख्याध्यापकों की सूची जारी कर दी। इसके कारण अनेक स्कूलों में बड़ी संख्या में पद खाली हो गये। विद्यार्थी स्कूलों में आते हैं, मिड-डे-मिल के तहत भोजना भी पाते हैं लेकिन शिक्षकों व पुस्तकों के अभाव में शिक्षा प्राप्त करने का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। ऊपर से विभाग ने बीच  शिक्षा सत्र रेशनेलाइजेशन नीति पर कार्य शुरू कर दिया है।
हरियाणा संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जगबीर राणा के अनुसार रेशनेलाइजेशन का कार्य छुट्टिïयों में किया जाना चाहिये था। उन्होंने मिडल स्कूलों के मुख्याध्यापकों को शीघ्र डीडी पावर देने की मांग की। ..DT

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