अभिभावक देवानंद, बलवंत बूरा, मास्टर निहाल सिंह, ज्ञानी राम, मनफूल
बूरा, रामधारी शर्मा और सतनारायण शर्मा सहित दर्जनों ने बताया कि सरकार ने
सरकारी स्कूलों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने का ढि़ंढ़ोरा तो पूरे देश
में पीट दिया लेकिन वास्तव में आज तक भी स्कूलों में विभाग द्वारा
शिक्षकों की कोई स्थाई नियुक्ति नहीं की गई। शिक्षा विभाग हर बार कंप्यूटर
शिक्षा का ठेका निजी कम्पनी को दे देता है, जिसके कारण निजी कम्पनी अपने
फायदे के लिए शिक्षा विभाग के नियमों के विपरीत कम योग्यता वाले बेरोजगारों
का नियुक्ति देकर आधुनिक शिक्षा से खिलवाड़ करती है।
जल्द मिलेंगे शिक्षक : प्रवीन सागवान
शिक्षा विभाग के आइटी डायरेक्टर प्रवीन सागवान ने बताया कि शिक्षा
विभाग ने पूरे प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षा का ठेका निजी कम्पनी को दिया है।
कम्पनियों द्वारा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है जल्द ही स्कूलों
में शिक्षक भेज दिए जाएंगे।
सत्र के आरंभ से ही शुरू होनी थी कक्षाएं
अप्रैल में शुरू हुए नए सत्र से ही विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा
देने के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया जाना था, लेकिन चार माह बीतने के बाद
भी कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई। अब तक इन शिक्षकों की
नियुक्ति के लिए दो बार लिखित परीक्षा हो चुकी है, लेकिन विभाग द्वारा
निर्धारित योग्यता के आधार पर भावी शिक्षक खरे नहीं उतर पा रहे हैं। निजी
कम्पनियों ने 26 मई को दूसरी बार लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। लेकिन अब
तक उसका परिणाम न आने से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही
है।
शिक्षा विभाग ने घटा दिए शिक्षक : अभिभावक
सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने के नाम पर निजी
संस्था के माध्यम से कंप्यूटर शिक्षकों को नियुक्त किया जा रहा है लेकिन
पिछले सत्र के मुकाबले इस बार इनकी संख्या आधी हो गई है। पहले हर स्कूल में
कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए दो कंप्यूटर शिक्षकों को नियुक्त किया गया
था, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग नियमो में बदलाव करते हुए दो की बजाए एक
शिक्षक प्रत्येक स्कूल में नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। ..DJ
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