एक दुकानदार से ले ली तीन कोटेशन :
शिक्षा विभाग की तरफ से वर्ष 2011 में स्कूली छात्रओं के लिए स्कूल ड्रेस खरीदने की ग्रांट आई थी। आरोप है कि इस दौरान प्राचार्या ने एक ही दुकान की अलग-अलग तीन कोटेशन बनाकर ऊंचे भाव में ड्रेस का कपड़ा खरीद हजारों रुपये का गबन कर लिया। नियमानुसार तीन अलग-अलग दुकानदारों से कोटेशन लेनी होती है। इस मामले में मजेदार बात ये है कि जो कोटेशन ली गई है उनमें दुकानों के नाम तो अलग है, पर तीनों कोटेशन पर एक ही दुकानदार का नाम व पता लिखा हुआ है।
भवन निर्माण में फर्जीवाड़ा :
वर्ष 2006- 2007 में डीइओ हिसार स्कूल में कमरा निर्माण के लिए सात लाख 50 हजार 800 रुपये की ग्रांट भेजी थी। इस ग्रांट में चार कमरों की लेबर वर्क के नाम पर एक लाख 37 हजार 400 रुपये खर्च किए गए, जबकि एक वर्ष बाद 2008 में मॉडल स्कूल की आई ग्रांट में तीन कमरों के निर्माण पर एक लाख 34 हजार से ज्यादा रुपये लेबर वर्क पर खर्च किए गए है। आंकड़ों से जाहिर है कि भवन निर्माण में करीब तीस हजार रुपये की धांधली की गई है। इसके अलावा जहां चार कमरों में 12 हजार रुपये की मिट्टी भराई की गई, वहीं तीन कमरों में 13 हजार रुपये में मिट्टी डलवाई गई।
डीजल बच्चों का, जनरेटर से पंखे की हवा खाए प्राचार्या :
स्कूल प्राचार्या सुनीता रानी पर आरोप है कि जनरेटर चलाने के लिए डीजल के पैसे प्रति बच्चा दस रुपये की दर से वसूले हैं, जबकि जनरेटर के डीजल के लिए शिक्षा विभाग से भी ग्रांट आती है। ..dj
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