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Thursday, 11 July 2013

एक माह बाद भी, शिक्षा विभाग नहीं खोज पाया खराब रिजल्ट की वजह

** इस बार खराब रहा है हरियाणा में १०वीं-१२वीं का परीक्षा परिणाम
दसवीं का रिजल्ट आए हुए एक माह बीत चुका है। इस बार रिजल्ट 50.79 रहा था जोकि पिछले साल से 14.60 कम था, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग इसकी वजह नहीं खोज पाया। हालात ये हैं कि अभी तक मामला नोटिस देने और जवाब मांगने तक ही पहुंचा है। ऐसे में सवाल यह है कि कब रणनीति बनेगी। कब रिजल्ट में सुधार की दिशा में काम होगा। इस बाबत विभाग के आला अधिकारी भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। 
30 स्कूलों का रिजल्ट शून्य: 
प्रदेश में 30 सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जिनका रिजल्ट शून्य रहा। 130 स्कूल ऐसे रहे जिनका परिणाम 20 प्रतिशत से भी कम था। खराब परिणाम से गुस्साए अभिभावकों ने कई जगह तो स्कूल में ताला तक जड़ दिया था।
फेल बच्चे कहां एडजस्ट हों आज बुलाई गई है बैठक:
निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग ने फिलहाल घटिया परीक्षा परिणाम आने पर प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों की गुरुवार को बैठक बुलाई है। खराब परीक्षा परिणाम पर विभाग किसे सजा देगा और किसे नहीं यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा। 
इस बार प्रदेश में 1 लाख बच्चों ने दसवीं की परीक्षा दी। इसमें से आधे बच्चे फेल हो गए। अब इन बच्चों का स्कूल में कैसे एडजस्ट किया जाए। स्कूलों में जहां कमरों की कमी है, वहीं स्टाफ भी कम है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन के लिए चिंता है कि फेल बच्चों को दाखिला दें या नहीं। 
ये कारण हैं खराब रिजल्ट के:
*दसवीं से पहले ऐसी परीक्षा नहीं जिससे बच्चों के शिक्षा के स्तर की पहचान हो सके। 
*टीचर्स की कमी भी बड़ी वजह है, वहीं 
*राइट टू एजूकेशन ठीक ढंग से लागू ही नहीं हो पा रहा। 
*टीचर्स से पढ़ाने के अलावा दूसरे भी काम लिए जाते हैं। मसलन *जनगणना, चुनाव या दूसरे ऐसे कार्यक्रम, जिसमें टीचर को लगा दिया जाता है। 
* प्रदेश में 1459 हाई स्कूल हैं। लेक्चर्सके 33347 पद स्वीकृत हैं। 
अभी 21516 लेक्चर्स ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं टू टायर सिस्टम में नौवीं से दस जमा दो के बच्चों को लेक्चर्स ही पढ़ाएंगे। 
१०वीं के खराब रिजल्ट पर क्या कार्रवाई की जा रही हैं:
इसके लिए नोटिस जारी किए गए हैं। कारण पता किया जा रहा है। 
रिजल्ट इतना खराब क्यों रहा? 
एक तो दसवीं तक बच्चों की परीक्षा का प्रावधान नहीं है। इस वजह से दिक्कत आई। दूसरा इस बार ग्रेस माक्र्स नहीं दिए गए। इस वजह से रिजल्ट प्रतिशत कम रहा। 
सुधार के लिए योजना क्या है? 
अभी कारण पता किए जा रहे हैं। टीचर्स को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना है।  ..db

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