.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 21 December 2013

प्रदेश के 322 स्कूलों में प्राचार्य नहीं


रेवाड़ी : प्रदेश के 322 सरकारी स्कूल आज भी मुखिया के बिना चल रहे हैं। प्राध्यापकों के पदोन्नति की पूरी सूची जारी नहीं किए जाने से स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षामंत्री गीता भुक्कल को ज्ञापन भेजकर प्राचार्यों के रिक्त पद भी शीघ्र भरने की मांग की है। 
हसला प्रांतीय उपप्रधान अभय सिंह व जिला प्रधान हरीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में प्राचार्य 1755 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 197 सीधे और 1276 पदोन्नति से भरे हुए हैं। इसके अलावा करीब 322 पद खाली है। सरकार ने प्राचार्य पद के पदोन्नति के लिए वरिष्ठता सूची 476 से 610 तक के केस मांगे थे लेकिन 18 अगस्त को मात्र 57 को ही प्राचार्य बनाया गया बाकी 77 प्राध्यापक आज भी अपनी पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं जबकि पहली बार बिना काउंसिलिंग के स्टेशन दिए गए। अधिकांश कर्मचारियों को एसीआर की कमी के कारण पदोन्नति नहीं मिली जबकि एसीआर विभाग के पास जमा है। प्रेस सचिव विजय कुमार ने कहा कि स्कूल मुख्य अध्यापक के प्राचार्य पद पर प्रमोशन केस अगस्त में मांगे थे और काउंसिलिंग 19 दिसंबर को हो चुकी है। 
पदोन्नति का इंतजार में शिक्षक 
डॉ. आरके शर्मा, दिनेश गुप्ता, रतन सिंह मेहता, नम्रता, दीपिका, सरला, रवि बाला आदि का कहना है कि अबर इन प्राध्यापकों को समय रहते पदोन्नति मिलती तो नव नियुक्त 77 पद और खाली मिलते और विद्यार्थियों को स्कूल मुखिया मिलते। इससे सरकारी स्कूलों का माहौल और बेहतर होता। उन्होंने एक हजार वरिष्ठता क्रमांक तक के प्रमोशन लिस्ट जारी करने की मांग की ताकि स्कूलों को मुखिया मिल सके। जिले के प्राध्यापक जसवंत जहां अगले वर्ष 31 मार्च को तथा धारा सिंह 31 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। 
स्कूलों के अध्यापकों पर दोहरी जिम्मेदारी 
भीम सिंह, सतबीर, जितेंद्र, महासचिव दिनेश, हितेंद्र, देशराज, राजेंद्र चौहान, डॉ. मनोज, लक्ष्मीनारायण सैनी, सुरेंद्र सिंह, रूपचंद्र आदि का कहना है कि जिले के नांगल शहबाजपुर, खंडोड़ा, मोहनपुर, सुलखा, प्राणपुरा, बावल कन्या, धारुहेड़ा कन्या, रोहड़ाई, देहलावास गुलाबपुरा, नांगलपठानी, दड़ौली, रतनथल, कन्हौरी, नांगलशहबाजपुर, खोल, धवाना, झाबुआ आदि के विद्यालयों में आज भी मुखिया नहीं है। ऐसे में प्राध्यापकों को दोहरी जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही है। उन्होंने सरकार से सत्र आरंभ होने से पहले व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की ताकि विद्यार्थियों को लाभ मिल सके।                                db




No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.