सोनीपत : जिले में शिक्षकों की काफी कमी चल रही है, जिसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। यह स्थिति उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन कार्य के कारण बनी है। स्थिति यह है कि अब विभाग को मूल्यांकन कार्य के लिए शिक्षक बुलावे पर भी नहीं मिल रहे हैं।
यह मुद्दा स्कूल प्रिंसिपल की बैठक में भी खूब उठा। बारी-बारी से स्कूलों से ड्यूटी देने के लिए शिक्षक मांगे गए, लेकिन अधिकांश स्कूल मुखियाओं की हालत 'हाथ खड़े' करने वाली थी। शिक्षा विभाग ने अब इस कार्य को पूरा करने के लिए गेस्ट टीचरों की भी मदद मांगी है। हसला के 22 दिन तक चले मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार के चलते पहले ही देरी से चल रहे मूल्यांकन कार्य पर इन हालात में और अधिक समय तक चलेगा, जिससे दूसरे सेमेस्टर में विद्यार्थियों की तैयारी प्रभावित हो रही है।
पढ़ाई पर पड़ रहा असर
"यह सही है कि मूल्यांकन कार्य के कारण पढ़ाई पर असर पड़ रहा है तथा स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, लेकिन मूल्यांकन कार्य भी जरूरी है। सभी स्कूल प्रिंसिपल को इसमें सहयोग करना चाहिए।''--नवीन गुलिया, इंचार्ज, कक्षा 12वीं मूल्यांकन केंद्र, सोनीपत।
शिक्षकों की स्थिति
होम साइंस : एक भी शिक्षक नहीं मिला। मजबूरी में निजी स्कूल से ली शिक्षिका।
कॉमर्स में 13 शिक्षक चाहिए, लेकिन सात ही शिक्षक मिल सके।
फिजिक्स में भी शिक्षकों की काफी कमी है।
(अन्य विषयों में भी शिक्षक मांगे गए हंै, शिक्षा विभाग ने भी स्कूल मुखियाओं से शिक्षकों को रिलीव करने को कहा है।) db
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