** सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराए गए आठ हजार रुपए
सोनीपत : प्रतिस्पर्धा में सरकारी स्कूलों के छात्र प्राइवेट स्कूल के छात्रों से पिछडऩे की बजाए आगे निकलें,इस सोच के साथ शिक्षा विभाग ने हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य की थी।
वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए ठेकेदार के माध्यम से कंप्यूटर टीचर भी नियुक्त किए, लेकिन ये टीचर अब आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। इन टीचरों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। वहीं उनकी नियुक्ति के तीन माह बाद भी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं। ऐसे में टीचर स्कूल में नियमित रूप से जाकर उन्हें कंप्यूटर शिक्षा दे तो रहे हैं, लेकिन वह सिलेबस में है या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। टीचरों ने विभाग से वेतन, नियुक्ति पत्र और बच्चों को किताबें देने की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने ठेकेदार के माध्यम से प्रदेश भर में कंप्यूटर टीचर की नियुक्ति की थी। सोनीपत में करीब 295 टीचरों की नियुक्ति भूपेंद्र सोसायटी, चंडीगढ़ द्वारा की गई थी। टीचरों का कहना है कि उनकी नियुक्ति दो व तीन सितंबर को की गई। अब दिसंबर आ गया है, लेकिन एक भी माह का वेतन उन्हें नहीं मिला है। सिक्योरिटी के रूप करीब 24 हजार रुपए जमा कराने थे। बाद में सोसायटी ने 8 हजार रुपए नकद और दो खाली चेक लिए थे। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अकेले सोनीपत में नहीं है, विभिन्न जिलों में कंप्यूटर टीचरों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बिना किताब पढ़ा रहे हैं टीचर :
विभाग द्वारा स्कूलों में कंप्यूटर की किताबें भेजनी थी, जो अब तक नहीं पहुंची हैं। पहला सेमेस्टर भी समाप्त हो चुका है। दूसरे की तैयारी कराई जा रही है। स्कूलों में टीचरों को बिना किताब के ही पढ़ाना पड़ रहा है। टीचर केवल अनुमान के आधार पर सिलेबस करा रहे हैं। विभाग की लचर व्यवस्था के चलते स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा प्रभावित हो रही है। इन टीचरों की नियुक्ति भी हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में की गई है।
खाता खुलवाया, लेकिन शून्य से आगे नहीं बढ़ा
टीचरों का कहना है कि ठेकेदार से वेतन देने की मांग की गई तो सोसायटी के एचआर डिपार्टमेंट ने एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवाने को कहा। टीचरों ने कई दिन में बैंक के चक्कर काटे और अपना खाता खुलवाकर इसकी सूचना संबंधित को दे दी। अब खाता खुले भी कई माह हो चुके हैं, लेकिन खाता पैसे आने का इंतजार कर रहा है। वेतन के लिए फोन किया जाता है तो एक ही जवाब मिलता है कि सरकार से पैसा नहीं मिला है। जैसे ही पैसा मिलेगा, वेतन खाते में डाल दिया जाएगा। db
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