चंडीगढ़ : अपनी जगह दूसरे लोगों से पेपर दिलवाकर हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास करने वाले 100 जेबीटी टीचर को लेकर सरकार अनिर्णय की स्थिति में है। सरकार यह तय ही नहीं कर पा रही है कि इन टीचरों को हटाया जाए अथवा हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाए। शिक्षा विभाग इस बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में शिक्षा विभाग में 8,600 जेबीटी टीचर भर्ती किए गए थे। इसके लिए एचटेट पास होना जरूरी था। एचटेट में कई आवेदकों ने अपनी जगह दूसरे अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठा दिया था। बाद में नौकरी से वंचित कुछ युवाओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से सभी चसनित शिक्षकों के फिंगर प्रिंट की जांच कराने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने फिंगर प्रिंट्स की जांच करवाई, तो काफी संख्या में वास्तविक से फिंगर प्रिंट फर्जी पाए गए थे।
आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए
इधर, मामले को हाईकोर्ट तक ले जाने वाले याचिकाकर्ताओं की मांग है कि आरोपी जेबीटी टीचर तुरंत बर्खास्त करने के साथ ही आपराधिक मामला दर्ज कराया जाना चाहिए। इनका कहना है कि हम तो कोर्ट के सामने यह साबित करना चाहते हैं कि चयनित टीचरों ने अपनी जगह फर्जी परीक्षार्थी बिठाकर एचटेट परीक्षा पास की है। इसलिए वे नौकरी के हकदार नहीं हैं। जो भी मामले अब तक सामने आ चुके हैं, उन्हें तो कम से कम नौकरी से हटाना ही चाहिए।
विपक्ष बना सकता है मुद्दा
यह भर्ती कांग्रेस के समय में हुई। ऐसे में यदि टीचर को बर्खास्त किया जाता है तो सरकार की किरकिरी होगी। पहले ही पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय पीटीआई की भर्ती रद्द करने का आदेश दे चुका है। हालांकि पीटीआई टीचर बाद में सुप्रीम कोर्ट से इस निर्णय पर स्टे ले आए। अब सरकार जेबीटी पर ऐसा कोई कदम उठाने से बच रही है। दूसरी वजह यह भी है कि जेबीटी भर्ती घोटाले में ही पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला इन दिनों जेल में हैं। अगर सरकार अपने समय में की गई भर्तियों को रद्द करती है तो विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है।
कार्रवाई तो होगी, समय तय नहीं : भुक्कल
फिंगर प्रिंट मिलान न होने वाले जेबीटी मामले में क्या हो रहा है?
अभी जांच चल रही है।
जिनके फिंगर प्रिंट फर्जी पाए गए हैं, वे तो पहली नजर में ही आरोपी दिखते हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए?
हां, कार्रवाई तो होनी चाहिए। लेकिन अभी तक तो चौटाला सरकार में भर्ती जेबीटी टीचर भी नौकरी में हैं। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई कब की जाएगी यह तय नहीं है।
जो टीचर मेहनत करके मेरिट पर चयनित हुए हैं, उनका क्या कसूर है? वे भी मानसिक अवसाद में हैं।
नहीं ऐसा नहीं है। इस मामले में कार्रवाई तो करेंगे। db
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