सिरसा : अब सरकारी स्कूल की दीवार टूट गई या क्लास रूम का फर्श उखड़ गया तो उसकी मरम्मत नहीं हो पाएगी। अध्यापक भी टीएलएम से मिलने वाले पैसों से चार्ट, पैन, पेंसिल और अन्य शैक्षणिक सामग्री नहीं खरीद पाएंगे। शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के दावे करने वाली प्रदेश सरकार ने पिछले 10 साल से चली आ रही स्कूल मेंटनेंस ग्रांट और अध्यापकों को मिलने वाली टीचर लर्निंग मेटीरियल की राशि बंद कर दी है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी जिला परियोजना समन-वय विभाग को यह राशि भेजी जाती थी। जो कि आगे स्कूलों में बांटी जाती थी। परिषद ने इस बार जून में 2013, 14 के बजट में दोनों ग्रांटों की राशि नहीं भेजी। ऐसे में स्कूलों को अब मरम्मत कार्य के लिए पैसा नहीं मिलेगा।
हालांकि शिक्षा परिषद ने जिला परियोजना समन-वय विभाग को भेजे गए बजट में इसे बंद करने के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया। रिपेयर और मेंटनेंस ग्रांट स्कूल की एसएमसी के खाते में आती थी। एसएमसी इसे खर्च करने के लिए मंजूरी लेती थी।
बढऩी चाहिए थी राशि
"आजकल स्कूलों में प्रोजेक्टर और एजुसेट से शिक्षा दी जाती है। कोई न कोई शैक्षणिक सामग्री खत्म हुई रहती है। अब अध्यापकों के सामने यह समस्या होगी कि वे किस फंड से यह खरीद कर सकेंगे। सरकार ने मेंटनेंस की राशि बढ़ाने की बजाए बंद कर दिया। यह गलत है।"-- बूटा सिंह, जिला सचिव, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ।
नहीं आया पैसा
"2013-14 के बजट में दोनों ग्रांटों की राशि नहीं आई। ग्रांट क्यों बंद की गई है, यह तो हरियाणा स्कूल शिक्षा परिषद के उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं।"--अमित देवगुण, सहायक जिला परियोजना समन-वय अधिकारी, सिरसा।
हर स्कूल को मिलते थे 7500 रुपए
प्रदेश के प्रत्येक स्कूल को 7500 रुपए स्कूल मेंटनेंस ग्रांट और टीचर लर्निंग मेटेरियल के 500 रुपए हर स्कूल के टीचर को मिलते थे। सिरसा में 4031 अध्यापकों को टीचर लर्निंग मेटीरियल की राशि हर साल 20 लाख 15,500 रुपए मिलती थी। इसी प्रकार से जिले के 871 स्कूलों की मेंटनेंस ग्रांट राशि 65 लाख 32 हजार 500 रुपए मिलती थी। db
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