चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक की किताबें समय पर न पहुंचने का मुख्य सचिव पीके चौधरी ने कड़ा संज्ञान लिया है। सोमवार को यहां हुई सर्व शिक्षा अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक में समयबद्ध तरीके से किताबें मुहैया कराने में असफल रहने पर उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कार्यप्रणाली सुधारने की नसीहत दी। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सभी स्कूलों में समय पर पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
चौधरी ने कहा कि यदि किन्हीं कारणों से पुस्तकें पहुंचाने में देरी हो रही है तो बच्चों को इलेक्ट्रानिक पुस्तकें प्रदान करें या पुस्तकों की साफ्ट कापी अध्यापकों को मुहैया कराएं ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। इलेक्ट्रोनिक पुस्तकें व साफ्ट कापी होने पर अध्यापक सुचारू रूप से शैक्षणिक कार्य को अंजाम दे सकेंगे। उन्होंने समुदाय और अभिभावकों की शिक्षा में भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्य सचिव का मानना है कि इससे बच्चों में सीखने की क्षमता बढ़ेगी। सरकार ने सामुदायिक प्रशिक्षण के लिए 2.68 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है। याद रहे कि प्रदेश के स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को साढ़े पंद्रह लाख किताबें मुफ्त बांटी जानी थी, लेकिन पुस्तक प्रकाशकों के मनमाने रवैये के कारण अभी तक भी कई स्कूलों में सभी कक्षाओं की किताबें बच्चों को नहीं मिल पाई हैं। अक्टूबर महीने से दूसरा समेस्टर भी शुरू हो चुका है। dj
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