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Wednesday, 2 July 2014

विधानसभा चुनाव : शिक्षकों के मन में जागी चंडीगढ़ की चाह

** विस चुनाव में ताकत दिखाने को आतुर अध्यापकों ने लगाया 10 साल में मांगें पूरी करने का सरकार पर आरोप, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 ने की बैठक
इस बार के विधानसभा चुनावों में अध्यापक भी दो दो हाथ करने के मूड में हैं। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 के सदस्यों ने दो दिन पहले रात को बैठक कर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने की रणनीति बनाई है। संघ जिले की कौन कौन सी सीट से चुनाव लड़ेगा, इस बात का अभी खुलासा नहीं हुआ है। 
 हां, इतना जरूर तय है कि आने वाले चुनाव में ये टीचर अपना दमखम जरूर दिखाएंगे। अध्यापकों का साथ देने के लिए हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी भी भरोसा दिला रहे हैं। 
रविवार रात को हुई अध्यापक संघ की बैठक में प्रदेश और जिलास्तर के पदाधिकारियों ने भाग लिया था। सभी पदाधिकारियों का कहना था कि अध्यापक अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन आज तक कोई मांग भी सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई। 
इसी बात को ध्यान में रखते हुए पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि आने वाले चुनाव में अध्यापक संघ 70 के प्रत्याशी को चुनाव में उतारा जाए। ताकि विधानसभा में कर्मचारियों की पैरवी ठीक ढंग से की जा सके। 
सहमति से करेंगे विचार 
"सरकार अध्यापकों के साथ साथ अन्य विभागों के कर्मचारियों की मांगों की पिछले 10 साल से अनदेखी कर रही है। इसी बात को ध्यान में रखकर अध्यापक संघ चुनाव लड़ने की बात पर विचार कर रहा इसका मुख्य कारण है कि अगर हमारा प्रत्याशी जीतकर विधानसभा में जाएगा तो वो कर्मचारियों के हितों की पैरवी बेहतर ढंग से करेगा। चुनाव मैदान में उतरने को लेकर सभी सदस्यों की सहमति से ही आगे की रणनीति पर विचार होगा। ''--संजीव मंदोला, राज्य महासचिव, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 
जिला प्रधान हो सकते हैं उम्मीदवार 
पिछले दो दिनों से जिस प्रकार अध्यापक नेताओं ने बाढड़ा हलके के अध्यापकों से जिस प्रकार मुलाकातों का दौर चल रहा है उससे देखकर ये लगता है कि राजकीय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सत्यवान शास्त्री को बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। 
कांग्रेस को छोड़ किसी भी पार्टी से लड़ेंगे चुनाव 
सूत्रों की मानें तो पदाधिकारियों का कहना था कि चुनाव में कांग्रेस का छोड़कर अगर कोई पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वे उस पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे और जीत दर्ज करेंगे। अध्यापकों का कहना है कि टिकट मिलने की एवज में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी मैदान में उतरा जा सकता है। चुनाव के लिए उम्मीदवार जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों में से चुना जाएगा। 
खर्च उठाएगा अध्यापक संघ 
बैठक में सभी पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि चुनाव का खर्च अकेले प्रत्याशी पर नहीं पड़ना चाहिए। इसके लिए सभी अध्यापक आपस में मिलकर पैसा एकत्र कर चुनाव का खर्च वहन करेंगे। पदाधिकारियों का कहना था कि हर बार सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव से पहले कर्मचारियों से खूब वादे करते हैं, लेकिन कुर्सी मिलने में बाद सभी वायदों का भुला दिया जाता है।                                             dbchrkhddri


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