पानीपत/ अम्बाला : सर्वकर्मचारी संघ के आह्वान पर शुक्रवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारी संयुक्त रूप से सड़क पर उतरे और प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। सामान्य अस्पताल के कैंपस में अपने-अपने बैनर के साथ पहुंचे कर्मचारियों ने धरना देते हुए हुड्डा सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया।
प्रशासन के सामने असमंजस की स्थिति तब बन गई जब सामान्य अस्पताल से जुलूस की शक्ल में लघु सचिवालय पहुंचे कर्मचारियों ने गिरफ्तारी की मांग की। कर्मचारी सचिवालय परिसर में नारेबाजी करते हुए गिरफ्तारी की मांग करते रहे लेकिन प्रशासन की ओर से गिरफ्तारी के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। करीब एक घंटे तक गिरफ्तार किए जाे की मांग के बावजूद जब प्रशासन की ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई तो प्रांतीय प्रधान वीरेंद्र गंगवार ने कहा कि यदि हमें गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो कर्मचारी सचिवालय भवन के अंदर घुस जाएंगे और वहीं पर धरना शुरू किया जाएगा। कर्मचारी नेताओं के ऐसे रुख के बाद नायब तहसीलदार संजीव प्रशासन के दूत के तौर पर बाहर निकले। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास इतने कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए कागजी तौर पर सामूहिक गिरफ्तारी दर्ज कर सभी कर्मचारियों को तत्काल रिहा किया जाता है। प्रशासन के इस तर्क के पश्चात कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त करने की औपचारिक घोषणा कर दी।
ये हैं मुख्य मांगें
- दो साल से नौकरी कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
- क्लर्क पुलिस को पंजाब के समान वेतनमान दिया जाए।
- संशोधित वेतनमान का अध्यादेश रद्द किया जाए।
- छठे वेतनमान की वेतन विसंगतियां दूर करो।
- केंद्र के समान वेतन भत्ते कर्मचारियों को दिया जाए।
- सभी कर्मचारियों को केसलेस मेडिकल सुविधा मिले।
- न्यूनतम वेतनमान कम से कम 15 हजार लागू हो।
अम्बाला में पुलिस भी फेल, कर्मचािरयों ने सरेआम उड़ाईं धारा - 144 की धज्जियां
कर्मचारियों की ताकत के आगे पुलिस फेल हो गई। साथ ही धारा-144 की भी सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं। कर्मचारी जेल जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार करने से साफ मना कर दिया। तीन घंटे तक पुलिस कर्मचारियों से जूझती रही। एसएचओ कोतवाली मुनीष कुमार अकेले ही कर्मचारियों से जूझते रहे। उनके साथ धक्कामुक्की भी हुई। बाद में चालाकी से काम लिया गया। गिरफ्तारी के नाम पर कर्मचारियों को अलग-अलग जगह छोड़ दिया गया। हालांकि पैदल ही कर्मचारी दोबारा फिर आंदोलन के लिए गए। कर्मचारियों का जेल भरो आंदोलन तय था। पुलिस की ओर से पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त नहीं किए गए थे। कुछ जवानों को ही डीसी आॅफिस की जिम्मेदारी दी गई थी। राज्य सरकार की वादाखिलाफी के विरोध मेंं शुक्रवार को सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े सैकड़ों कर्मचारी महावीर पार्क में जमा हुए थे। इन कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन का आगाज किया था। इसी वजह से ये डीसी आफिस पर गिरफ्तार होना चाहते थे। कर्मचारियों की अगुवाई कर रहे संघ के वरिष्ठ उपप्रधान कमलजीत बख्तुआ ने बताया कि उसका मकसद हुड्डा सरकार को मुंहतोड़ जवाब देना था।
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