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Wednesday, 17 September 2014

10 वर्ष बाद बैंकों में अनुकंपा नियुक्तियों को मिली हरी झंडी

** यूपीए की सरकार ने 2004 में लगाई थी रोक 
केंद्र सरकार ने बैंकों में कर्मचारियों की अनुकंपा नियुक्ति पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। वित्त मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि अब सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक में कार्यरत कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इसी के साथ बैंकों में अनुग्रह राशि आश्रित को देने की मौजूदा व्यवस्था बंद कर दी है। अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था 11 अगस्त से लागू मानी जाएगी। संबंधित बैंकों से इस व्यवस्था को उनके बोर्ड की मंजूरी लेकर लागू करने को कहा गया है। यूपीए सरकार ने 2004 में बैंकों में अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था पर रोक लगा दी थी। 
साथ ही स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामलों में लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर ही नियुक्ति दी जाएगी। प्रकरण को ध्यान में रखकर आयु सीमा में छूट पर देने पर विचार किया जा सकता है|अनुकंपा नियुक्ति बैंक रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया से अलग है। अगर बैंक में भर्ती प्रक्रिया पर प्रतिबंध हो तो भी ऐसी नियुक्ति के मामलों में प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिए जाएं। 
केंद्र सरकार के इस फैसले से उन हजारों परिवारों को लाभ होगा जिनके मुखिया की सेवा काल में मृत्यु हो जाने से परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर एक साल में 30 से 35 हजार बैंककर्मियों की सेवा काल के दौरान मृत्यु हो जाती है। 
2004 में लगी थी रोक : 
यूपीए सरकार ने 2004 में बैंकों में अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था पर रोक लगा दी थी। तब तर्क दिया गया था कि बैंक व्यावसायिक संस्थान की तरह काम करते हैं। उन पर मानवीय बोझ डालने की कोशिश की जाए। वहीं, एनडीए सरकार ने यह रोक हटाने से पहले मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की बात कही थी। उसने यह पता लगाया था कि बैंकों में अनुकंपा नियुक्ति के कितने मामले आते हैं।                             db

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