रोहतक : एमडीयू प्रशासन ने अपने परिसर और संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए एक बार फिर तारीख बढ़ा दी है। अब 26 सितंबर तक विद्यार्थी यूजी और पीजी के कोर्सेज में प्रवेश ले सकेंगे। दूसरी तरफ गुड़गांव स्थित अपने रीजनल कॉलेज में भी एलएलएम की दो अलग-अलग शिफ्टों के लिए एमडीयू प्रशासन ने आवेदन मांगें हैं। ऐसा तब है जब शैक्षणिक सत्र शुरू हुए करीब दो माह होने को आए हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को निर्धारित शुल्क के साथ ही 2500 रुपये विलंब शुल्क भी जमा करने होंगे। एमडीयूू के प्रवक्ता सुनीत मुखर्जी ने बताया कि जिन कॉलेजों या विभाग में पहले से वेटिंग लिस्ट है, वहां पहले प्रवेश वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को दिया जाएगा। जबकि जहां वेटिंग लिस्ट नहीं है उन संस्थाओं और विभागों में नए सिरे से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इसके बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
सुनीत मुखर्जी के अनुसार सभी प्रवेश में आरक्षण नियमों का भी पालन किया जाएगा। विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन रिटर्न 1 अक्टूबर तक जमा कराना होगा। साथ ही, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित केन्द्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया पर यह विस्तारित प्रवेश सारिणी लागू नहीं होगी। यूनिवर्सिटी के यूजी/पीजी पाठ्यक्रम में तीसरे, पांचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें सेमेस्टर में प्रमोशन प्रवेश के मामलों में यह विस्तारित तारीख योजना लागू होगी। इसके लिए कुलपति की विशेष मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
एमडीयू और गुड़गांव में 60 सीटों पर मांगें आवेदन ः
एमडीयू के लॉ डिपार्टमेंट और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ एंड मैनेजमेंट स्टडीज (यूआईएलएमएस) गुडगांव में एलएलएम और एलएलबी (ऑनर्स) त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
रजिस्ट्रार डॉ. एसपी वत्स ने बताया कि लॉ डिपार्टमेंट में शाम की शिफ्ट में एलएलएम की 30 सीटें रिक्त है। इसी तरह (यूआईएलएमएस) गुड़गांव में भी एलएलएम की 30 सीटें रिक्त है। इन सीटों पर प्रवेश के लिए 19 सितंबर तक आवेदन किया जा सकता है। डॉ. वत्स के मुताबिक यूआईएलएमएस, गुड़गांव में एलएलबी (ऑनर्स) त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम की 120 सीटों पर भी प्रवेश के लिए 19 सितंबर तक आवेदन किया जा सकता है। कुलसचिव डा. एसपी वत्स ने बताया कि आवेदन के साथ 400 रुपये प्रोसेसिंग फीस लगेगी। प्रवेश के लिए काउंसलिंग 22 सितंबर को सुबह 9 बजे आयोजित की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए विधि विभाग तथा यूआईएलएमएस, गुड़गांव से संपर्क किया जा सकता है।
विलंब शुल्क से मतलब ः
कुलपति एचएस चहल विभागों और कॉलेजों में घूम-घूम कर औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान वे विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर भी दिशा-निर्देश दे रहे हैं। दूसरी तरफ अब तक प्रवेश प्रक्रिया ही खत्म नहीं हो पाई है। जानकारों का कहना है कि पहले रिक्त सीटों की स्थिति सही नहीं बता, सीटें फुल करार दे दी गई थी।
कई विद्यार्थियों को वापस लौटना पड़ा था। कई वेटिंग लिस्ट में रह गए थे। लेकिन अब रिक्त सीटें बता कर उन पर प्रवेश दिए जा रहे हैं। केवल विलंब शुल्क वसूलने के लिए बार-बार तारीख बढ़ाई जा रही है। au
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